-पुल की ऊंचाई कम होने के चलते हर साल बनते हैं ऐसे हालात

-पुल निर्माण के समय ग्रामीणों ने ऊंचाई कम होने पर जताई थी आपत्ति, ज़िम्मेदारों ने नही दिया था ध्यान

-सलामतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली घोडापछाड़ नदी का मामला

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

जिले के कई गांव आज भी जरूरी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को सांची विकासखंड के ग्राम हिनोतिया से सामने आया है जहां पर घोड़ापछाड़ नदी उफान पर थी उसमें पानी पुल से 3 फिट ऊपर बह रहा था। और एक बीमार युवक को अस्पताल ले जाना था।मुश्किल से परिजनों ने उसे पानी में उतरकर नदी के इस पर लाकर अस्पताल पहुंचाया। मगर अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई और युवक को अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।दरअसल सांची विकासखंड के हिनोतिया, शक्ति टोला, बांसिया सहित 10 से 12 गांव के लोगों को हर साल बारिश के मौसम में परेशानी उठानी पड़ती है। गांव से निकलने वाली घोड़ापछाड़ नदी बारिश ज़्यादा होने के चलते पुल से ऊपर बहने लगती है। शनिवार की सुबह हिनोतिया गांव निवासी राजू सिसोदिया नाम के युवक की तबीयत अचानक खराब हो गई। सीने में तेज़ दर्द हुआ तो उसे परिजन अस्पताल ले जाने के लिए घर से निकले मगर रास्ते में पढ़ने वाली घोड़ापछाड़ नदी के पुल पर कमर तक पानी बह रहा था। मुश्किल से उसे नदी के इस पर लाकर अस्पताल पहुंचाया गया। मगर अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई और युवक अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने मृत घोषित दिया। बात यहीं तक नहीं रुकी थी। युवक के शव को वापस अस्पताल से घर लाने के लिए भी ग्रामीणों को जद्दोजहद करना पड़ी। नदी तक तो युवक के शव को एंबुलेंस से लाया गया। मगर आगे का सफर जान जोखिम में डालने वाला था।गांव के युवकों ने जान जोखिम में डालकर कमर तक पानी में से युवक के शव को नदी पार कराई। 

पुल निर्माण के समय ग्रामीणों ने हाइट को लेकर उठाई थी आपत्ति--- ग्रामीणों का कहना है कि जब पुल का निर्माण किया जा रहा था तो इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। ग्रामीणों की मांग थी की इस पुल को और ऊंचा किया जाए। मगर जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार ने ग्रामीणों की बात नही सुनी। और उनकी मनमानी के चलते हाइट नही बड़ाई गई। जिसकी वजह से 12 गांव के हज़ारों ग्रामीणों को हर साल बारिश में परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी गर्भवती महिलाओं को चारपाई पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है तो कभी बीमारी को तो कभी मृतकों को भी इसी तरह से चारपाई के सहारे नदी पार करना पड़ती है।

रायसेन जिले के कई इलाकों में तेज बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं----बारिश के मौसम में निचले इलाकों में बसे गांवों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। नदियों के उफान पर होने के कारण कई स्थानों पर गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया है। जिसके चलते ग्रामिणों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रायसेन जिले के गांव हिनोतिया से भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। जहां मृतक के शव के लिए खाट ( चारपाई) के जरिए नदी पर बने पुल को पार किया गया। क्योंकि, बारिश के कारण नदी ओवरफ्लो होने के चलते पुल के ऊपर से बह रही है।

इनका कहना है।

मेरे परिवार के राजू सिसोदिया की शनिवार को सीने में तेज दर्द के चलते अचानक तबियत खराब हो गई। अस्पताल ले जाना था। लेकिन घोड़ापछाड़ नदी के पुल के ऊपर कमर तक पानी भरा हुआ था। 3 फिट पानी से निकलकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी। और राजू को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वापस घर जाते समय राजू का शव खटिया पर रखकर नदी पार कर लाना पड़ा। पुल बनते समय ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज कराई थी कि पुल की हाइट कम है। बारिश में दिक्कत होगी। लेकिन अधिकारियों ने हमारी बात नही सुनी। जिसकी वजह से कई गांव के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

रामबाबू सिसोदिया,युवक के परिजन।

पुल पर 3 फिट पानी होने की वजह से समय से पीड़ित को मदद नही मिल पाई। शनिवार को भी इसी वजह से राजू सिसोदिया की मौत हुई है। यह अकेला मामला नही है। 10 से 12 गांवों के हज़ारों ग्रामीण बारिश के मौसम में हर साल पुल पर पानी चढ़ने से परेशान होते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी घटिया पर लेटाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।

भगवान सिंह, स्थानीय ग्रामीण।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28