-बारिश नही होने से बर्बाद हो रही है धान की फसल, किसान परेशान

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। एडिटर इन चीफ IND28.COM

रायसेन जिले सहित पूरे प्रदेश में उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। बारिश नहीं होने से सूखे के आसार हैं। अल्लाह तआला से बारिश शुरू होने और गर्मी से निजात के लिए सांची विकासखण्ड अंतर्गत दीवानगंज ईदगाह में नमाज-ए-इस्तेस्का पढ़ी गई। नमाज के बाद बारिश के लिए दुआ भी हुई। जामा मस्जिद के पेश इमाम ने नमाज ठीक सवा 9 बजे शुरू कराया। नमाज में दीवानगंज क्षेत्र सहित आसपास क्षेत्र के मुस्लिम बड़ी संख्या में नमाज़ पड़ने आए थे। इस्तेस्का नमाज दो रकअत पढ़ी गई। नमाज के बाद बारिश के लिए खास दुआ भी हुई। अमूमन दुआ में हाथों को बुलंद किया जाता है, लेकिन नमाज-ए-इस्तेस्का में हथेलियों को नीचे जमीन की तरफ कर दुआ मांगी गई। वहीं इस खास नमाज को खाली मैदान पर ही पढ़ा जाता है।

बर्बाद हो रही है धान की फसल------रातातलाई गांव निवासी किसान व सरपंच रघुवीर सिंह मीणा ने बताया कि बारिश न होने से धान की फसल चौपट हो ही रही है। इसका प्रभाव रबी की फसलों पर भी पड़ेगा। सबसे बड़ी समस्या तो तब होगी जब धान की फसल बचाने के लिए चल रहे पंपिंग सेट व अन्य मशीन भूगर्भ जल का स्तर घटा देंगे। किसान लालजीराम चौकसे निवासी सलामतपुर ने बताया कि धान की फसल बचाने के लिए हर सप्ताह खेत में पानी चलाना पड़ रहा है। पंपिंगसेट से पानी चलाने के लिए 90 रुपये प्रति लीटर डीजल के हिसाब से एक एकड़ में करीब 1,200 रुपये खर्च पड़ रहा है। ऐसे में मशीन के सहारे धान की फसल बचाने में तैयार उपज की कीमत से ज्यादा की लागत लग जाएगी।सुकासेन गांव के किसान गुफरान जाफरी, चांद जाफरी ने बताया कि बारिश न होने से खेत में खरपतवार का बहुत अधिक प्रकोप है। खर-पतवार नाशक दवाओं से काम नहीं चल पा रहा है। खेत की सिंचाई के साथ ही मजदूर लगाकर खेत की निराई भी करानी पड़ रही है। ऐसे में बारिश न होने के कारण किसानों के ऊपर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। बरौला गांव निवासी किसान नवेद मंसूरी का कहना है कि बारिश न होने से सूख रही धान की फसलों को बचा पाना बड़ी चुनौती है। धान की रोपाई के बाद से अब तक ऐसी बारिश नहीं हुई कि कुछ दिन खेतों में पानी भरा रहे। फसल को बचाने के लिए खेत की सिंचाई कर पाना गरीब किसानों के बस की बात नहीं है। बारिश नहीं होने से खासकर धान और मक्का की फसल को क्षति पहुंची है। यदि आगे भी बारिश नहीं हुई तो धान की पैदावार कम होगी। प्रति हेक्टेयर औसतन 32 क्विंटल पैदावार होता है, लेकिन बारिश नहीं होने की दशा में घटकर 22 क्वितंल तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। किसान फसलों में नमी बनाए रखने की दिशा में प्रयास जारी रखे।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM