सतीश मैथिल सांचेत 
रायसेन: सांचेत कस्बा सांचेत मै मां हिंगलाज दुर्गा मठ में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन शुक्रबार को कथावचक अचार्य पंडित नीलेश कृष्ण शास्त्री ने पूतना बध कृष्ण बाल लीलाएं माखन चोरी गोवर्धन पूजा और छप्पन भोग लगे पंडित शास्त्री ने कथा के माध्यम से सुनाई जो दूसरों को आनंद दे वही नंद ज्ञानी का लक्षण यह है कि उसके व्यवहार से किसी को अशांति और उद्वेग न होने पाए। जो सदा आनंद में रहता है, औरों को भी आनंद देता है वही नंद है। ऐसे नंद के घर परमानंद आते हैं। चौबे परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा में पंडित नीलेश कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए नंद महोत्सव की सुंदर व्याख्या की। उन्होंने बताया कि उत का अर्थ है ईश्वर और सव का अर्थ है प्राकट्य यानी ईश्वर का प्राकट्य ही उत्सव है। उत्सव में धन, भोगादि की आवश्यकता नहीं होती सिर्फ प्रेम की आवश्यकता होती है। मंदिर या चौराहों पर नहीं बल्कि अपने घर में ही प्रतिदिन नंदोत्सव मनाया जाए, क्योंकि जीवात्मा का घर उसका शरीर है। भागवत प्रसंगानुसार बालकृष्ण की लीलाओं में पूतना वध, शंकरजी द्वारा श्रीकृष्ण के दर्शन, माखन चोरी का सुंदर चित्रण करते हुए प्रभु की लीला का आध्यात्मिक वर्णन किया। छप्पन भोग के साथ गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए बताया कि कन्हैया ने नंद बाबा को इंद्र की पूजा करने से रोकते हुए कहा कि गोवर्धन नाथ इंद्र का इंद्र है। चारों दिशाओं के देव हैं। वह हम सभी के रक्षक है। हम सब उनकी पूजा करें। इंद्र के अभिमान को मिटाने के लिये कृष्ण ने गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई। कन्हैया ने गोवर्धन को अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया तब से कृष्ण का नाम गिरधारी हुआ। हजारों की संख्या में महिला बच्चे और पुरुष कथा का आनंद लेने पहुंच रहे है मां हिंगलाज दुर्गा मठ पर सांचेत सरपंच कल्याण सिंह लोधी पर्व सरपंच देवकिशन शर्मा उपसरपंच बाबूलाल लोधी मोहन सिंग चेयरमैन मंडल उपाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा फौजी संतोष उपाध्याय ब्रजमोहन चौबे रंधीर सिंह ठाकुर सोसायटी प्रबंधक सुरेश लोधी नर्मदा प्रसाद शर्मा प्रेमसिंह पटेल,बलवंत सिंह भदौरिया/राजू पटेल,बुजुर्ग देवीसिंह चौहान राधेश्याम शर्मा आदि,

न्यूज़ सोर्स : Ind28