अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

बुधवार को किसान जागृति संगठन प्रमुख इरफान जाफरी ने चर्चा में कहा कि गर्मियों के मौसम में पैदा होने वाली मूंग की फसल तो प्रदेश के किसानों ने पैदा कर ली है। लेकिन प्रदेश की भाजपा की डॉ मोहन यादव सरकार के इशारे और संरक्षण में मूंग उत्पादक किसानों की लूट भी मंडियों में हो रही है। उन्होंने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि किसानों को लूटने के लिए सरकार ने खरीदी के नियम ही बदल दिए हैं। पिछले साल तक सरकार किसानो से 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मूंग खरीदा करती थी, जबकि इस साल सरकार ने इसे घटाकर आधा यानि की 8 क्विंटल कर दिया है। यह तब है जब सरकार और कृषि विभाग के अनुसार ही मूंग का उत्पादन 14 से 20 क्विंटल प्रति क्विंटल हेक्टर है। क्या सरकार बता सकती है कि 8 क्विंटल के बाद बाकी बचे 6 से 12 क्विंटल मूंग का किसान क्या करेंगे? जाहिर सी बात है कि किसान उसे औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होंगे। किसान नेता इरफान जाफरी ने कहा है कि प्रदेश सरकार का दूसरा अनोखा निर्णय एक दिन में सिर्फ 25 क्विंटल और एक किसान से 100 क्विंटल ही मूंग खरीदने का है। 25 क्विंटल की सीमा निर्धारित करने से किसान की लागत बढ़ जाती है क्योंकि ट्रॉली में 40 क्विंटल मूंग आती है और कम लाने पर भी पूरी ट्रॉली का किराया देना पड़ता है।इरफान जाफरी ने पूछा है की क्या सरकार बता सकती है कि अधिकतम 100 क्विंटल की सीमा निर्धारित करने का तार्किक आधार क्या है? जब किसी किसान ने 6 हेक्टर में मूंग बोया था और इसका पंजीकरण करवाया था तो सरकार 100 क्विंटल की सीमा निर्धारित कैसे कर सकती है? 

किसान नेता ने कहा है कि मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8682 रुपए प्रति क्विंटल है, जब सरकारी एजेंसियां किसानों से मूंग नहीं खरीदेंगी तो किसानों को औने-पौने दामों पर अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।जाफरी ने कहा है कि किसानों की यह लूट प्रदेश सरकार के इशारे पर हो रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।किसान जागृति संगठन ने मूंग खरीदी कम से कम 16 क्विंटल प्रति हेक्टर करने, एक दिन की खरीदी 40 क्विंटल करने और 100 क्विंटल की सीमा को हटाने की मांग की है ।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28