सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28 हर खबर पर पैनी नज़र।

हरतालिका तीज इस बार पति को दीर्घायु प्रदान करने वाले शुभ योग ज्‍यो‍तिष‍ियों का मत है कि अखंड सौभाग्‍य और अच्‍छे वर की कामना के लिए किया जाने वाला हरतालिका तीज का व्रत इस बार विशेष योगों के साथ आ रहा है सौभाग्यवती महिलाओं को यथाविधि हरतालिका तीज व्रत तथा अगले दिन पारणा करना चाहिए 6 सितंबर को हस्त नक्षत्र की साक्षी में मनेगा यह पर्व शिव और पार्वती के पूजन से मिलेगा मनोवांछित फल तीज वाले दिन सिंह राशि पर सूर्य, बुध का परिभ्रमण भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका व्रत की परंपरा है। इस बार हरतालिका तीज 6 सितंबर को शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी में आ रही है। विशेष यह है कि इस बार तीज पर पति को दीर्घायु प्रदान करने वाले शुभ योग विद्यमान रहेंगे। धर्मशास्त्र के जानकारों के अनुसार इन योग विशेष की साक्षी में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना गया है

27 योगों में से एक शुक्ल योग--सांचेत के ज्योतिषाचार्य पं.अरुण शास्त्री ने बताया हरतालिका तीज 6 सितंबर को शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र उपरांत चित्रा नक्षत्र एवं शुक्ल योग की साक्षी में आ रही है। शुक्रवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। वहीं 27 योगों में से एक शुक्ल योग तृतीया तिथि पर विशेष महत्वपूर्ण बताया जाता है। इस योग में हरतालिका की पूजा पति को दीर्घायु व पुत्र पौत्र की वृद्धि को देने वाली मानी जाती है।

शुक्ल योग की अधिष्ठात्री माता पार्वती---इस बार हरतालिका तीज पर्व पर शुक्ल योग इसलिए विशेष भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस योग की अधिष्ठात्री माता पार्वती है।

हरतालिका तीज व्रत का कथासार देखें तो शिव पार्वती के संयुक्त क्रम की पूजन पौराणिक कथाओं में प्राप्त होती है। पंडितों के अनुसार इस कथा श्रवण से पति की दीर्घायु एवं परिवार में सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। पंडितों का यह भी कहना है कि जिन कन्याओं का विवाह नहीं हुआ है, उन्हें भी यह व्रत उत्तम वर की प्राप्ति हेतु करना चाहिए।

रवि योग भी इसी दिन--किसी भी व्रत, पर्व या त्यौहार पर यदि रवि योग की साक्षी हो तो उस व्रत का महत्व बढ़ जाता है। इस बार हरतालिका तीज पर रवि योग का महासंयोग भी बन रहा है।

बुधादित्य योग की भी साक्षी

ग्रह गोचर के आधार पर देखें तो हरतालिका तीज वाले दिन सिंह राशि पर सूर्य व बुध का परिभ्रमण रहेगा, बुध आदित्य नाम के योग का निर्माण करेगा। यह श्रेष्ठ योग व्रत, त्यौहार में अपना विशेष प्रभाव रखता है। इस योग की साक्षी व्यक्तित्व को प्रबल तथा संबंधों को प्रगाढ़ करती है। इस दृष्टि से भी यह त्योहार विशेष योग वाला है।

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