-हर घर नल, हर घर जल योजना को ठेकेदार और पीएचई विभाग लगा रहे पलीता
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)
हर घर नल जल योजना का लाभ सांची जनपद के कई गांवों को नही मिला है। आज भी कई ग्राम पंचायतों में नल जल योजना का काम अधूरा पड़ा है। ऐसा ही एक मामला अम्बाड़ी पंचायत के सत्ती गांव में सामने आया है जहां पर ग्रामीणों के लिए नल जल योजना आज भी एक सपना साबित हो रही है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। सत्ती गांव में नल जल योजना के तहत ठेकेदार द्वारा 2 साल पहले गांव की सड़कों को खोद कर पाइपलाइन बिछाई गई और कुछ जगह तो सड़क भी नहीं खोदी ऊपर ही पाइपलाइन बिछा दी जो गंदगी से होकर लोगों के घरों तक पहुंच रही है। विडंबना तो इस बात की है 2 साल बीतने के बाद भी जहां लाखों रुपए इस योजना के लिए खर्च किए जो आज दिनांक तक भी चालू नहीं हुई और लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। नल जल योजना सत्ती गांव में सफेद हाथी साबित हो रही है
गांव में सिर्फ 2 हैंडपंप उनमें भी पीने लायक पानी नही---अम्बाड़ी के सत्ती गांव में जब नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाई गई तो ग्रामीण खुश हुए की अब पानी की समस्या खत्म हो जाएगी लेकिन आज भी ग्रामीण शुद्ध पेयजल की आस लगाए बैठे हैं।ठेकेदारों एवं पीएचई विभाग की मनमानी से अब तक यह योजना धरातल पर नहीं आई है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण पानी के लिए यहां वहां भटकते रहते हैं। गांव में दो हैंडपंप है पर उनमें भी पीने योग्य पानी नहीं है। गांव में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन डाली भी गई। घर- घर नल के कनेक्शन भी दिए गए। मगर 2 साल बाद भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं की गई। जिस वजह से ग्रामीणों को पेयजल के लिए पानी नहीं मिल रहा है, गांवों में पानी की व्यवस्था के लिए ग्रामीणों को पुराने स्रोत, निजी ट्यूबवेल, हैंडपंप  का उपयोग करना पड़ रहा है।
भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए महिलाएं कर रही जद्दोजहद-----सांची विकासखंड के अम्बाड़ी ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले सत्ती गांव में ऐसी भीषण गर्मी में ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर परेशान हैं। वहीं सरकार द्वारा दावा किया जाता है कि हर गांव में घर घर नल के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। मगर सरकार के दावों की जमीनी हकीकत हमें देखने को मिली ग्राम सत्ती में यहां पर नल जल योजना तो दूर की बात है गांव के हैंडपंप में भी पीने लायक पानी नही हैं। जिससे यहां के ग्रामीणों को पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है और प्राइवेट ट्यूबवेल पर तीन सौ रुपए महीने देकर पानी भरते हैं। नंबर लगाकर अपनी बारी आने तक घंटों धूप में बैठा रहना पड़ता है और कई लोग तो ऐसे हैं यह दूरदराज खेतों में जाकर पानी लाने को मजबूर हैं ऐसे में सरकार के दावों की हकीकत सामने आई है।
300 रुपए देकर निजी ट्यूबबेल से भर रहे पानी---रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम सत्ती के ग्रामवासी पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं। इस भीषण ठंड में भी एक-एक कुप्पा पीने के पानी के लिए महिलाओं को पसीना बहाना पड़ रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दो ही हैंडपंप हैं। लेकिन उनमें भी पीने लायक पानी नही है।वह निजी ट्यूबवेल पर भारी-भरकम शुल्क देकर लंबी लंबी लाइनों में लगकर पानी भरकर लाते हैं। वहीं पानी भरने को लेकर ग्रामीणों में रोज लड़ाइयां भी होती हैं। 65 वर्षीय वृद्ध महिला यशोदी बाई ने बताया कि गांव में दो ही हैंडपंप है। पर उनमें भी मटमैला पानी आता है। इसलिए उन्हें निजी ट्यूबवेल से 300 रुपए महीने का शुल्क देकर पानी भरना पड़ रहा है। उस पर भी भीड़ इकट्ठा हो जाती है और ग्रामीणों की आपस में लड़ाई होती है। कई साल से ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। मगर पीएचई विभाग के जिम्मेदार द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां पर दिन भर पानी भरने के लिए महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों की कतार लगी रहती हैं। पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे यहां के लोगों का दिन भर पानी भरने में ही बीत जाता है ।जिससे वह मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं।
पूर्व सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी---पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सांची जनपद के सत्ती गांव में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को परेशान होकर घंटों इंतेज़ार के बाद पीने का पानी मिल पा रहा है। 
इनका कहना है।
गांव की जनता पानी के लिए परेशान रहती है। गांव में 2 ही हैंडपंप हैं। उनमें भी पीने लायक पानी नही है। वहीं नल जल योजना का पानी हमारे घर तक नही पहुंच पा रहा है। महिलाएं व बच्चों को सुबह से ही पानी के लिए परेशान होना पड़ता हैं। नलजल योजना शुरू होने के इंतेज़ार में 2 साल से बंद पड़ी है। अगर शीघ्र ही हमारी समस्या का समाधान नही हुआ तो हम आंदोलन करेंगे।
नाज़िम खान, स्थानीय ग्रामीण सत्ती गांव
पानी भरने के चक्कर में हम लोग मजदूरी करने नही जा पा रहे हैं। गांव में 2 ही हैंडपंप हैं जो लगभग 200 से 300 घरों के पानी का सहारा है।  गांव में नल जल योजना की पाईप लाईन डली तो हम लोग खुश हुए की अब पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी। लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी समस्या वहीं की वहीं है। 
काशीराम, स्थानीय ग्रामीण सत्ती गांव।
ठेकेदार ने 2 साल पहले पाईप लाइन बिछा तो दी लेकिन योजना का लाभ हमें नही मिल रहा है। और पाईप लाइन भी ज़मीन के अंदर नही बिछाई गई। ऊपर ही डालकर छोड़ दी गई है। जिसकी वजह से मोटरसाइकिल स्लिप होकर गिर जाती है। कई बार शिकायत की लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे हैं। जिसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कय्यूम खान, स्थानीय ग्रामीण सत्ती गांव।
न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM