सेमरा लाइन पार गांव में नलजल योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट, रेलवे पटरी क्रॉस कर लाना पड़ रहा है पानी
-प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर महिलाएं लाती हैं पीने का पानी
-पुराने बोर में ही मोटर डालकर शुरू कर दी नलजल योजना, जबकि बोर पहले से ही था फेल
-17 लाख की लागत से शुरू की गई थी नलजल योजना
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सांची विकासखंड के एक गांव सेमरा लाइन पार के ग्रामीणों के लिए सरकार की जल जीवन मिशन योजना एक सपना बनकर रह गई है। 17 लाख रुपए की लागत से शुरू की गई नल-जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस योजना के तहत हर घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरी पार कर रेलवे स्टेशन पर लगे नल से पानी लाने को मजबूर हैं। योजना के तहत नया ट्रांसफार्मर और पानी के लिए बोर करना था, लेकिन ठेकेदार ने न तो ट्रांसफार्मर लगाया और न ही बोर किया। बल्कि पुराने बोर में मोटर डालकर खानापूर्ति कर दी गई, जिससे पानी की समस्या और गंभीर हो गई। ग्रामीण रोज अपनी जान हथेली पर रखकर रेलवे लाइन क्रॉस कर पानी लाते हैं जो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
पूर्व सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी----पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सांची जनपद के कई गांवों में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को परेशान होकर जान जोखिम में डालना पड़ रही है। जब कहीं जाकर उन्हें पीने का पानी नसीब हो पा रहा है।
लाइन पर गांव में बनी हुई जल संकट की स्तिथि---प्रदेश सरकार की हर घर नल से जल देने की योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति बनी हुई है।गांव-गांव नल जल योजना के तहत पानी टंकी बनाकर पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना का लाभ ग्रामीणों को समुचित तरीके से नहीं मिल रहा है। सांची के सेमरा लाईन पार गांव में इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। और सुबह वा शाम दोनों समय महिलाओं को पीने का पानी लेने के लिए रेलवे लाइनों को पार करके जाना पड़ता है।ऐसे में ग्रामीण पानी के लिए दर-दर भटकते हुए नजर आ रहे हैं। वही ग्रामीणों का कहना है कि अगर समस्या जल्द ही सही नहीं की गई तो आगे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
जान जोखिम में डालकर लाते हैं पीने का पानी--सेमरा लाइन पार के ग्रामीण प्रतिदिन अपनी जान को जोखिम में डालकर पीने का पानी भरने रेलवे लाइनों को क्रॉस करके जाते हैं। जिसमें जान का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस समस्या की शिकायत ठेकेदार और अधिकारियों से की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम रोजाना रेलवे लाइन पार करके पानी भरने जाते हैं। हमें डर लगता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। ठेकेदार और अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं। लेकिन पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। सरकार के जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक पानी पहुंचाने का सपना सेमरा लाइन पार के लिए अधूरा रह गया है। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक भ्रष्टाचार की भेंट ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर पानी लाने पर मजबूर करेगा? क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा?
इनका कहना है।
गांव में नलजल योजना का पानी नही मिल पा रहा है। इसीलिए हम महिलाएं रोज़ रेलवे की लाइनों को क्रॉस करके पीने का पानी लेने स्टेशन वाले नल तक जाती हैं। इस दौरान अगर कोई ट्रेन आए जाए तो हमारी जान भी जा सकती है।
सरोज बाई, स्थानीय महिला।
लगभग 17 लाख 20 हज़ार रुपए लागत से नलजल योजना का काम किया गया था। लेकिन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। ठेकेदार ने पुराने बोर में ही मोटर डाल दी। जबकि योजना में नया बोर होना था। सभी ग्रामीणो ने मना किया था कि यह बोर फेल है। उसमें पानी बहुत कम है। लेकिन ठेकेदार ने एक नही सुनी। अब उसको बोलो तो बोलता है कि जो करना है वह कर लेना।
प्रकाश लोधी, स्थानीय रहवासी।
गांव में नलजल योजना 2021 में पीएचई के अधिकारियों द्वारा शुरू की गई थी। योजना के अंतर्गत नई डीपी और नया बोर करना था। परंतु ठेकेदार ने पुराने बोर में ही मोटर डाल दी। अब सर्दियों के मौसम में ही मोटर झटके लेने लगी। जिसकी वजह से पानी नही आ रहा। अब घर की महिलाएं रोज़ जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन क्रॉस कर के पीने का पानी लाती हैं। हमारी शासन प्रशासन से मांग है की ठेकेदार पर कार्रवाई कर नया बोर करवाया जाए। तभी समस्या का समाधान हो सकता है।
धर्मेंद्र कुमार, स्थानीय युवक।