सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

कस्बा सांचेत में स्तिथ चीरा के हार मैं बने तलाब को सूख जाने पर उसके बने हुए गड्ढे में बेजुबान जानवरों की प्यास बुझाने के लिए दीपक खत्री द्वारा अपने निजी ट्यूबेल से पानी के लिए भरा जा रहा है। कहां जाता है की जल ही जीवन है। होली के बाद ही गर्मी की शुरुआत हो जाती है और इस समय दूर-दूर तक बेजुबान जानवरों को पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।बेहाल कर देने वाली गर्मी में गाय, भैंस आदि जानवरों की प्यास बुझाने के लिए लोगों को घर के बाहर प्याऊ बनवा देनी चाहिए।पक्षियों के लिए भी घरों की छतों पर लोगो को दाने डालने चाहिए। ज्यादातर लोगों को इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिये। पशु-पक्षियों की सेवा करने वाले लोगों का मानना है कि जिनका बुध कमजोर होता है, पक्षियों को दाना खिलाने से वह ठीक होने लगता है। साथ ही घर की छतों पर पक्षियों के लिए दाना पानी रखने से घर में स्मृद्धि आती है। 

जेठ अषाढ़ में जलदान महादान---जेठ अषाढ़ के महीने में जलदान का काफी महत्व रहता है। पुराणों में लिखा है कि मार्गशीर्ष के महीने में अग्नि का दान व जेठ अषाढ़ और सावन के महीने में जलदान से पाप धुलते हैं। शास्त्री बताते हैं कि चातुर्मास में महात्मा लोग नदियों में स्नान नहीं करते हैं। 

इन बातों का रखें ध्यान-- घर के बाहर या बालकनी में बर्तन में हर रोज पानी भरकर रखें। 

पानी को हमेशा छांव वाले स्थान पर ही रखा जाए। 

बर्तन में पानी गर्म हो जाने पर उसे जरूर बदले। 

पानी और दाना रख रहे हैं तो इसे नियम बना ले। 

पानी का बर्तन जानवर या पक्षी के अनुसार होना चाहिए। पिछले साल की थी जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था। 

इनका कहना है।

एक दिन घर के बाहर दो गाय काफी देर से घूम रही थीं। मुझे लगा कि वह प्यासी हैं। मैंने पानी भरी बाल्टी जब घर के बाहर रखी, तो दोनों गाय आपस में पानी के लिए लड़ने लगी। उसी दिन मैंने गर्मियों में गाय माता ओर अन्य जानवरों के लिए तलाब के कुंड में पानी की व्यवस्था कर रहा हूँ 

दीपक खत्री, सांचेत।

सुबह उठकर सबसे पहले चिड़ियों को देते है दाना

घर की छत पर 12 साल पहले एक चिड़िया का बच्चा जून की तपती गर्मी में प्यास से तड़प रहा था जब मैंने उसे छोटे से बर्तन में पानी दिया, तो वह पानी पीकर उड़ गया। उसी दिन मेरे पूरे परिवार ने प्रण लिया कि सुबह उठने के बाद सबसे पहले चिड़ियाओं को छत पर दाना डालेंगे। 

पं.अरुण शास्त्री।

छत पर कबूतरों के लिए बनाया छोटा सा घर

मैंने घर की छत पर कबूतरों और चिड़ियाओं के लिए छोटा सा घर बना रखा है। हर रोज दाना डालने के अलावा दिन में तीन बार पानी बदलता हूं। सुबह और शाम को दाना खाने निकलते हैं। मुझे मेरी मां ने बताया पक्षियों को दाना खिलाने हम सभी का धर्म है। घर के बाहर ही पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी कर रखी है।

नैतिक मैथिल, सांचेत

सनातन धर्म में बेजुबान जानवरों की सेवा करने के लिए कहा गया है। इसका भी अपना धार्मिक महत्व है। साथ ही पशुओं और पक्षियों की सेवा करने से मन को काफी शांति मिलती है। अब तो ऐसी आदत हो गई है कि हर रोज पक्षियों को दाने डालने के बाद ही कोई दूसरा काम कर पाते हैं। इन्हें दाना चुगता देख अलग खुशी मिलती है।

श्री महंत बाबा कन्हैया दास महाराज,षटदर्शन साधु समाज अध्यक्ष।

 

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