-डॉ राठौर की सलाह: डिहाइड्रेशन से बचने अधिक से अधिक पानी पीएं

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

रविवार को नौतपा के दूसरे दिन भी भीषण गर्मी के चलते रोड सूने दिखाई दिए। पारा भी 43 से 44 डिग्री तक पहुंचने से लोग घर के बाहर निकलने से परहेज़ करते नज़र आए। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने गर्मी से बचाव और सावधानियों को लेकर एडवाइजरी जारी की है।सलामतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर डॉ. रवि राठौर ने बताया कि क्षेत्र में समस्त स्वास्थ्य संस्था प्रभारी एवं मैदानी स्तर पर कार्यरत अमले को हीट स्ट्रोक संबंधी दिशा निर्देशों से अवगत करा दिया गया हैं, साथ ही जिले से भी समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं पर हीट स्ट्रोक मैनेजमेंट संबंधित आवश्यक व्यवस्था, समस्त प्रकार की जीवन रक्षक औषधि पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, स्वास्थ्य संस्थाओं पर ओआरएस कार्नर बनाए जाने तथा आमजन को ओआरएस का उपयोग तथा लाभ के बारे में जानकारी प्रदान किया जाना, लू के लक्षण,  बचाव तथा लू लगने पर किये जाने वाले प्रारंभिक उपचार लू के प्रबंधन एवं उपचार, हीट वेब, क्या करें क्या न करें, निर्जलीकरण, गर्मी के मौसम जल जनित रोगों का प्रबंधन एवं रोकथाम संबंधित प्रचार-प्रसार एवं प्रशिक्षण व्यापक रूप से किए जाने हेतु निर्देश सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को मिले हैं।ताकि लू के कारण होने वाली मृत्यु को रोका जा सके। उन्होंने  बताया कि वर्तमान में क्षेत्र व जिले में सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पर्याप्त मात्रा में औषधि उपलब्ध है, साथ ही मैदानी स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा निरंतर लू के कारण लक्षण एवं निदान के संबंध में जानकारी आमजन को प्रदान कि जा रही है। तथा इसके बचाव हेतु शीतल पेय पदार्थ, धूप से बचाव, बाजार में खुली खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करने तथा अधिक पानी का सेवन निरंतर किए जाने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। क्षेत्र में वर्तमान में स्थिति  सामान्य है।

डिहाइड्रेशन की स्थिति से बचें----डॉ रवि राठौर ने बताया कि तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि बहुत अधिक समय तक धूप के सीधे संपर्क में न रहे। तेज गर्मी होने पर अधिक मात्रा में पानी पीना, सर और कानों को कपड़े से अच्छी तरह से ढकना, हल्के सूती वस्त्र पहनना तथा धूप में चश्मा, छाता, टोपी एवं जूता पहनना जरूरी है। पसीना अधिक आने की स्थिति में ओआरएस घोल, लस्सी, मठ्ठा एवं फलों का रस पीना चाहिए । चक्कर या मितली आने पर छायादार स्थान पर रुककर आराम करना, शीतल पानी अथवा उपलब्धता अनुसार फलों का रस लस्सी आदि का सेवन किया जाना चाहिए। उल्टी होने, सर दर्द, तेज बुखार की स्थिति होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सलाह लेनी चाहिए। लू लगने पर प्रारंभिक तौर पर व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेट कर आराम करवाना चाहिए। बुखार होने पर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगानी चाहिए । छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों का गर्मी के मौसम में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM