-25 सदस्य एक ही छत के नीचे संयुक्त रूप से करते हैं निवास

सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28.COM

अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस हर वर्ष 15 मई को मनाया जाता है। हम आपको अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस के मौके पर  कस्बा सांचेत के एक ऐसे परिवार के बारे में बता रहे हैं जो पिछली पांच पीढ़ियों से संयुक्त परिवार के रूप में साथ रह रहा है। यह भदौरिया परिवार सांचेत सहित आसपास के जिलों में एक अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। पूरा गांव इस परिवार की चर्चा करता है। लोगों को इस परिवार से कुछ शिक्षा लेनी चाहिए। कस्बा सांचेत जिसकी आबादी लगभग 5000 से भी ज्यादा है। और इसी कस्बे में एक ऐसा परिवार है जो कि पांच पीढ़ियों से लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है। यह जागरूक संयुक्त परिवार एक सांथ मिलजुल कर रह रहा है। और तो और इस परिवार में आज तक आपस में ना तो झगड़ा और ना ही कोई वाद विवाद हुआ है। और इस परिवार द्वारा अपनी नई पीढ़ी को भी यही सिखाया जा रहा है। इस परिवार से सीखने को बहुत कुछ मिलता है। ऐसे परिवार देखने को बहुत ही कम मिलेंगे। कोरोना संक्रमण काल में भी इन परिवारों का भोजन एक साथ बनता रहा है। कोरोना भी इन परिवारों को अलग-अलग नहीं कर सका। एक साथ रहने, भोजन बनाने के बाद भी यहां किसी भी सदस्य को कोरोना संक्रमण छू नहीं सका है। सभी सदस्य संक्रमण से बचाव के लिए कोविड गाइड लाइन का पालन जरूर करते थे ।

भदौरिया परिवार में हैं 25 सदस्य------ 

जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर कस्बा सांचेत में से स्व. पन्नाालाल भदौरिया का संयुक्त परिवार एक साथ रह रहा है। इस परिवार में वर्तमान में 25 सदस्य एक ही परिसर में निवास करते हैं। तीसरी पीढ़ी के मुखिया भगवान सिंह भदौरिया व सरस्वती बाई ने बताया कि सात पीढ़ियों से उनका परिवार संयुक्त रूप से रह रहा है। दूसरी पीढ़ी के सदस्य अमरसिंह पूर्व जनपद सदस्य हैं, भारत सिंह कृषि करते हैं तथा जसवंत भदोरिया बिजली कंपनी में लाइनमैन हैं। तीसरी पीढ़ी के शिवम इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। अन्य सदस्य कृषि तथा अन्य कार्य करते हैं। पूरे परिवार का भोजन एक साथ बनता है। एक समय में पांच किलो आटा व दो किलो सब्जी खर्च होती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी सदस्य पूरी तरह से गाइड लाइन का पालन करते रहे हैं। अमरसिंह ने बताया कि जब भी कोई घर से बाहर जाता है तो मास्क लगाते हैं, सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं। वापस आने पर स्नान करते हैं। शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जाता है। अभी तक किसी भी सदस्य को कोरोना संक्रमण छू भी नहीं सका है।इस परिवार के सभी भाइयों में बड़े अमर सिंह भदौरिया ने वताया की जिंदगी जीने में जो अच्छे आनंद की अनुभूति होती है जो परिवार एक सांथ रहता है उस से पूछो वही समझ सकता है साथ सभी परिवार वालों को अमर सिंह भदौरिया यह सन्देश IND28.COM के माध्यम से देना चाहते है कि अगर जो भी परिवार संयुक्त नहीं है और अगर रहना भी नहीं चाहते है तो इस वात का जरूर ध्यान दें बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ, गौ माता की रक्षा करो, गौ माता की सेवा करो, पर्यावरण की रक्षा करो और पौधे लगाओ और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दो।मंजले भाई भारत सिंह भदौरिया का कहना है हमें जो मिलकर रहने में जो आनंद आता है बो आनंद और कही नहीं. सबके लाडले जसवंत सिंह भदौरिया का कहना है हमें हमारे पिताजी ने वह सब दिया आज हम सब भाई पड़े लिखें उन्होंने हमारी पढ़ाई में जी जान से हमारी मदद की और आज हम अपने अपने पैरो पर खड़े है।यह परिवार एक शिक्षित परिवार है और नई पीढ़ी में सबसे ज्यादा पढ़ाई पर विषेश जोर दिया जाता है।

न्यूज़ सोर्स : IND28.COM