दीवानगंज पीएचसी बना मज़ाक, डॉक्टर गायब, मरीज बेहाल, 40 गांवों की सेहत भगवान भरोसे

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले दीवानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीएचसी में डॉक्टरों की लगातार अनुपस्थिति ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है। यह स्वास्थ्य केंद्र 40 गांवों के मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए स्थापित किया गया है, लेकिन लगभग तीन महीने से अस्पताल डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है। शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यहां पहुंचे मरीजों को फिर से खाली कुर्सियां ही देखने को मिलीं। डॉक्टर की गैरमौजूदगी को लेकर जब कर्मचारियों से जानकारी ली गई, तो पता चला कि इस केंद्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ. पलक पटेरिया की ड्यूटी सांची सिविल अस्पताल में लगाई गई है, जबकि आयुष डॉक्टर डॉ. श्रुति भारद्वाज छुट्टी पर हैं। ऐसे में पीएचसी में डॉक्टरों की खाली कुर्सियां मरीजों को चिढ़ाती नजर आ रही हैं।
मरीजों की माने तो शुक्रवार को कायमपुर से एक महिला मरीज को लेकर परिजन दीवानगंज पीएचसी पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर न मिलने के कारण महिला को समय पर प्राथमिक इलाज नहीं मिल सका और वह चक्कर खाकर गिर पड़ी। इस दौरान केंद्र में केवल ड्रेसर व पर्ची बनाने वाले कर्मचारी ही मौजूद थे, जो सर्दी-जुकाम और बुखार की दवाएं मरीजों को दे रहे थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉ. माथुर के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही स्वास्थ्य सेवाएं ठप सी हो गई हैं। ग्रामीणों को अब झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे रहना पड़ रहा है, जो न केवल जोखिम भरा है बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर स्थिति को भी दर्शाता है। गंभीर बात यह है कि इस समस्या पर न तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि। ग्रामीणों ने जल्द ही डॉक्टरों की नियुक्ति और स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली की मांग की है, ताकि दूर-दराज से आने वाले मरीजों को राहत मिल सके।