-21 जून को भारी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं कर्क रेखा पर, क्योंकि इस दिन यहां पर अपनी परछाई भी हो जाती है गायब

-कर्क रेखा सेल्फी पॉइंट पर भोपाल, विदिशा, रायसेन सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक

-ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही पर्यटकों पर पड़ रही है भारी

-भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर स्तिथ है कर्क रेखा सेल्फी पॉइंट

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

शासन प्रशासन के लाखों करोड़ों रुपए लापरवाह अधिकारियों द्वारा किस तरह बर्बाद किए जाते हैं इसका उदाहरण देखना हो तो रायसेन जिले के प्रसिद्ध सेल्फी पॉइंट भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के कर्क रेखा स्थल पर आसानी के साथ देखा जा सकता है। यहां पहले लाखों रुपए खर्च कर सेल्फी पॉइंट बनाया गया था। जिसमें राजस्थानी लाल पत्थरों का चबूतरा बनाया गया था ताकि पर्यटकों को सेल्फी लेने और बैठने के लिए उचित व्यवस्था मिल सके। लेकिन देखरेख नहीं होने के कारण कर्क रेखा स्थान पर लगे राजस्थानी लाल पत्थर जगह-जगह से टूट कर छतिग्रस्त हो गए। अब फिर से इन पूरे पत्थरों को उखाड़कर नए पत्थर लगाए जाना हैं। अभी कुछ दिन पूर्व रिपेयरिंग के लिए पूरे पत्थरों को उखाड़ गया था। और अब लगभग डेढ़ महीने से कर्क रेखा स्थान रिपेयरिंग का इंतजार कर रहा है। बता दें कि इस मार्ग से गुजरने वाले सैकड़ो की संख्या में पर्यटक सेल्फी लेने के लिए कर्क रेखा स्थान पर जरूर रुकते हैं। मगर इस स्थान पर आज की स्थिति ऐसी है यहां पर मटेरियल पड़ा हुआ है और वहीं टूटे-फूटे पत्थरों को निकाला गया मलवा भी पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से यहां आने वाले पर्यटकों को काफी निराशा हाथ लग रही है। वहीं इंदौर निवासी समीर पिल्लई ने बताया कि वह भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इस स्थान के बारे में काफी सुना था इसलिए वह सोमवार को अपने साथ पढ़ने वाले दोस्तों के साथ यहां पर घूमने आए तो यहां पर देखा कि इस जगह को रिपेयरिंग की जरूरत है। टाइल्स पूरे टूटे फूटे पड़े हुए हैं। और मलबे के ढेर लगे हैं जिससे यहां पर सेल्फी लेने और घूमने में काफी परेशानी हुई। उन्होंने बताया कि लगभग 30 किलोमीटर का सफर तय कर ऐसी गर्मी में कर्क रेखा स्थान पर घूमने आए थे। मगर यहां पर मलबे के ढेर देख निराश हो गए, टूरिज्म विभाग को इस और ध्यान देना चाहिए। यहां पर रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।क्योंकि यह रायसेन जिले का एक प्रसिद्ध सेल्फी पॉइंट है। यह इसलिए भी खास हो जाता है हाईवे के किनारे पर ही है तो पर्यटक ज्यादा यहां पर पहुंचते हैं। मगर सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। ना तो पार्किंग है ना ही पर्यटकों के सुविधाओं के लिए कोई जगह। स्थानीय लोगों की भी मांग है कि इस स्थान को विकसित किया जाए ताकि इस स्थान की तो सीरत और सूरत बदलेगी साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोजगार भी मिलेगा।

क्यों प्रसिद्ध है कर्क रेखा स्थल---कर्क रेखा स्थल इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर हर वर्ष 21 जून को दोपहर के 12 बजे व्यक्ति को अपनी परछाई भी नहीं दिखती और परछाई भी साथ छोड़ देती है। हम बचपन से यह कहावत सुनते आ रहे हैं कि कोई साथ हो न हो, आदमी का साया हमेशा उसके साथ रहता है, लेकिन 21 जून को कर्क रेखा क्षेत्र में आदमी का साया भी उसका साथ छोड़ देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कर्क रेखा स्थल पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 90 डिग्री लंबवत पड़ने के कारण खड़े व्यक्ति की परछाई ही नहीं बनती। इसलिए कर्क रेखा क्षेत्र को नो शैडो जोन भी कहा जाता है। जिस कर्क रेखा को हमने बचपन से भूगोल में पढ़ा है और ग्लोब पर जिसे देखा है उस स्थान पर ठहरना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। कर्क रेखा मध्यप्रदेश में भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है। जहां से यह गुजरती है वह स्थान भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे-18 पर रायसेन जिले के सलामतपुर बेरखेड़ी चौराहे के पास स्थित है। कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है। यह स्थान रायसेन जिले का सबसे आर्कषक सेल्फी पाइंट है। यहां से निकलने वाला प्रत्येक व्यक्ति सेल्फी लिए बिना आगे नहीं बढ़ता। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है जो पृथ्वी के मानचित्र पर प्रदर्षित की जाती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरीय अक्षांश रेखा हैं जिस पर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत होता है। 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। 

भारत के इन शहरों और राज्यो से गुजरती है कर्क रेखा---23.32 डिग्री उत्तरी अक्षांष कर्क रेखा मध्यप्रदेश के रायसेन, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल और जबलपुर जिलों से गुजरती है। जिन स्थानों से यह रेखा गुजरती है वहां ग्रीष्म ऋतु की अवधि शीत ऋतु से अधिक होती है। दक्षिण अफ्रीका के सहारा मरूस्थल का अधिकांश हिस्सा कर्क रेखा पर होने के कारण यहां का तापमान सबसे अधिक होता है। कर्क रेखा मध्यप्रदेश के अलावा गुजरात राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड पष्चिम बंगाल मिजोरम राज्यों से निकलती है।

इन देशों से होकर गुजरती है कर्क रेखा---संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई-केवल सागर कोई भी द्वीप इस रेखा पर नहीं है)मैक्सिको में मजातलान (प्रशांत महासागर के उत्तर में ) बहामास पश्चिमी सहारा (मोरोक्को द्वारा दावा किया गया) मौरीटानिया माली अल्जीरिया नाइजर लीबिया चाड मिस्र सऊदी अरब संयुक्त अरब इमारात ओमान भारत बांग्लादेश म्यांमार चीन (मात्र गुआंगजोऊ के उत्तर से) तथा ताइवान से होकर निकलती है।

इनका कहना है।

में भोपाल से यहां पर घूमने आया हूं। कर्क रेखा सेल्फी पॉइंट पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही है। इसकी कंडीशन बहुत खराब हो रही है। जबकि इस जगह को और डेवलप किया जा सकता है। सेल्फी लेने के लिए इसके पास खड़े भी नही हो पा रहे हैं। क्योंकि यहां पर लगे हुए पूरे लाल पत्थर निकाल दिए गए हैं। और निकला हुआ मलबा यहीं पर पड़ा हुआ है। जिससे पर्यटको को असुविधा हो रही है।

सुरेश गर्ग, पर्यटक भोपाल।

लगभग डेढ़ महीने पहले कर्क रेखा सेल्फी पॉइंट पर लगे हुए पूरे टाइल्स उखाड़ दिए गए हैं। लेकिन नए टाइल्स अभी तक नही लगाए गए हैं। जबकि यहां पर प्रतिदिन सैंकड़ों पर्यटक रुककर सेल्फी लेते हैं। उनको इस मलबे की वजह से काफी समस्याएं हो रही हैं। अगर प्रशासन चाहे तो इस स्थान को और डेवलप कर के यहां पर रोजगार के साधन बड़ा सकता है। जिससे स्थानीय युवकों को रोजगार मिल सकेगा।

बलवंत सिंह, स्थानीय युवक।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM