वसीम कुरैशी सांंची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

विगत दिनों थाना प्रभारी मानसिंह चौधरी का तबादला होने पर नवागत थाना प्रभारी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार पत्रकारों से रूबरू होने वार्ता आयोजित की। हालांकि जब जब पहली बार थाना प्रभारी कमान सम्हालते है तब वह कानून व्यवस्था सहित अन्य विषयों पर अपनी प्राथमिकता बताते है। परन्तु इस बार ऐसा नहीं दिखाई दिया ।इस बार बैठक में केवल बौद्ध मेले की जानकारी तक ही वार्ता सिमटी रही ।जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी मानसिंह चौधरी का स्थानांतरण होने से इस विश्व ऐतिहासिक नगर के थाने की कमान नवागत थाना प्रभारी नितिन अहिरवार को सौपी गई है ।यह स्थल ऐतिहासिक होने के साथ ही एक संवेदनशील माना जाता है इस स्थल की कमान संभालते ही हर बार की तरह इस बार भी नवागत थाना प्रभारी ने पत्रकारों की बैठक आयोजित की ।परन्तु इस बैठक में जहाँ थाना प्रभारी अपनी प्राथमिकता पर चर्चा करते है  तथा कानून व्यवस्था शांति सोहाद्र सहित अपराधों पर अपनी कार्य प्रणाली  पर प्रकाश डालते है परन्तु इस बैठक में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया ।इस बैठक में मात्र नवागत थाना प्रभारी की वार्ता मात्र बौद्ध वार्षिकोत्सव तक ही सिमट कर रह गई । इस बैठक में थाना प्रभारी ने इस थाना क्षेत्र में कैसे कानून का पाठ पढाया जायेगा तथा कैसे पालन कराया जायेगा ।तथा विभिन्न अपराधों पर किस प्रकार लगाम लगेगी तथा अपराधियों पर किस प्रकार लगाम कसी जायेगी ।इस नगर में होने वाली दिन दहाड़े चोरियां पर किस प्रकार शिकंजा पुलिस कसेगी तथा इस ऐतिहासिक स्थल पर चलने वाली अवैध गतिविधियों पर पुलिस क्या कार्यवाही करने की मंशा बनायेगी जुआ पर पुलिस की प्राथमिकता क्या होगी ।महिलाओं स्कूली छात्राओं की सुरक्षा के लिए पुलिस क्या कदम उठाने जा रही हैं इस नगर की होटलों लाजो मे लंबे अरसे से चल रही अनेतिक गतिविधियों पर पुलिस की क्या प्राथमिकता रहेगी ।इन सब को नवागत थाना प्रभारी ने अपनी कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की ।हालांकि ऐसा नहीं है कि नवागत थाना प्रभारी के कमान संभालने के उपरांत वह अपने सभी मातहतों से थाना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति सहित अपराधियों एवं नगर की वस्तुस्थिति से अवगत हो ही जाते होगें ।परन्तु नवागत थाना प्रभारी ने अपनी प्राथमिकता नहीं दर्शाई । तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भले ही नवागत थाना प्रभारी ने कमान संभाली हो परन्तु पुलिस की कार्य प्रणाली पूर्व की भांति ही चलती रहेगी । एवं पुलिस की प्राथमिकता उजागर न होने से पुलिस की कार्य प्रणाली का अंदाजा लगाया जाना मुश्किल दिखाई देता है।

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