-पुल से 50 गांवों के हज़ारों लोगों का रोज़ होता है आवागमन

-इसी पुल से गुजरकर रायसेन, विदिशा से बैरसिया भोपाल तक जाती है यात्री बसें

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

सांची जनपद के ग्राम खोहा के पुरा गांव का 40 साल पुराने पुल के पिलर बार बार छतिग्रस्त हो रहै हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग भी बार बार इस जर्जर पुल की मरम्मत करवाता है। लेकिन मरम्मत भी कुछ दिन तक ही ठीक रहती है। और फिर से पुल के पिलरों में दरारें आ जाती हैं। जबकि इसी पुल से होकर लगभग पचास गांवों के हज़ारों लोगों का आवागमन प्रतिदिन होता है। और पुल से ही होकर रायसेन, विदिशा की बसें हलाली डेम होती हुई बैरसिया भोपाल तक जाती हैं। कई बार तो सलामतपुर पुलिस को सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर आवागमन बंद करना पड़ा है। लेकिन वाहनों की संख्या बढ़ने पर पुल को फिर से खोलना पड़ता है। गौरतलब है कि पीडब्लूडी का यह पुल लगभग चालीस वर्ष पहले हलाली डेम निर्माण के समय ही बनाया गया था। पिछले वर्ष अधिक वर्षा होने की वजह से पुल के पिलर का एक हिस्सा छतिग्रस्त हो गया था। जिसे सूचना मिलने पर पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर पुल की मरम्मत शुरू कर सही किया था। परंतु अब फिर से इन पिलरों सहित पुल में जगह जगह दरारें आ रही हैं। कई स्थानों पर तो पुल का सरिया ही बाहर निकल आया है। पीडब्ल्यूडी विभाग को खतरनाक हो चुके इस पुल का पुनः निर्माण कार्य करना चाहिए। अन्यथा कभी भी कोई बड़ी अनहोनी होने से इंकार नही किया जा सकता।

इसी पुल से होकर रायसेन विदिशा से बैरसिया भोपाल तक जाती हैं यात्री बसें---ग्राम पंचायत खोहा के पुरा गांव के पुल से होकर ही प्रतिदिन कई यात्री बसें आवागमन करती हैं। जो रायसेन, विदिशा से होती हुई बैरसिया भोपाल तक जाती हैं। पुल की स्तिथि जर्जर होने के बाद भी सैंकड़ों यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ज़िम्मेदार पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जानकारी होने के बाद भी छतिग्रस्त पुल का कोई उचित समाधान नही निकाल रहे हैं।

शनिवार रविवार को सैकड़ों पर्यटक भी पिकनिक मनाने जाते हैं हलाली डेम--हलाली डेम पर हर शनिवार और रविवार को सैकड़ों की संख्या में पर्यटक भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, बैरसिया व अन्य जगह से पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। यह सैंकड़ों पर्यटक भी इसी जर्जर पुल से जान जोखिम में डालकर हलाली डेम की और जाते हैं। शासन प्रशासन को इस और ध्यान देकर समस्या का समाधान करना चाहिए। अन्यथा यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 

हलाली डेम मार्ग पर यातायात का अत्यधिक रहता है दवाब---भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के बेरखेड़ी चौराहे से ही लग कर हलाली मार्ग शुरू हो जाता है। यह सड़क काफी छोटी है।जबकि इस इस मार्ग पर यातायात का अत्यधिक दवाब रहता है। जिसकी वजह से यहां पर आए दिन बड़ी दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही विदिशा के 3 पत्रकारों को भी इसी हलाली डेम रोड से आ रही एक कार चालक ने दो वाहनों को टक्कर मार दी थी। जिसमें दीवानगंज गांव के एक युवक की मौत भी हो गई थी। अब खोहा गांव के ग्रामीणों ने इस छतिग्रस्त पुल के पुनः निर्माण की मांग शासन प्रशासन से की है। और ग्रामीणों ने कहां है कि अगर शीघ्र ही इस पुल को नही बनाया गया तो गर्मीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

पीडब्ल्यूडी ने पुल से भारी वाहनों के निकलने पर लगाया है प्रतिबंध---खोहा गांव के पुल की हालत खराब होने के चलते कार्यपालन यंत्री लोकनिर्माण विभाग रायसेन के नाम से एक बोर्ड भी लगवा रखा है जिसमें पुल छतिग्रस्त होने के चलते भारी वाहनों का यहां से आवागमन प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन उसके बाद भी इस पुल से भारी वाहनों का आवागमन जारी है। सुरक्षा की दृष्टि से पुल पर किसी कर्मचारी की 24 घंटे ड्यूटी लगाना चाहिए ताकि भारी वाहन यहां से ना निकल सकें।

पुल से लोहे के सरिये भी निकल आए बाहर--लगभग 40 से 50 साल पुराना पुल इतना छतिग्रस्त हो चुका है कि उसमें लगाए गए लोहे के सरिये भी कई जगह से बाहर निकल आए हैं। जो हादसों को न्योता देते नजर आ रहे हैं। और इस पुल को बने हुए लगभग 40 से 50 वर्ष हो चुके हैं। अब लोकनिर्माण विभाग को शीघ्र ही इस पुल पर यातायात बंद कर देना चाहिए।

इनका कहना है।

पुल काफी छतिग्रस्त स्तिथि में है। यह पुल हलाली डेम के निर्माण के समय ही लगभग 40 से 50 वर्ष पहले बनाया गया था। इस पुल से 50 गांवों के हज़ारों लोगों का आवागमन होता है। और रायसेन, विदिशा से यात्री बसें भी हलाली डेम होती हुई जाती हैं। बार बार छतिग्रस्त होने के कारण पुल को पुनः नए सिरे से बनाना चाहिए। तभी समस्या का समाधान हो सकता है। कई बार तो सुरक्षा की दृष्टि से सलामतपुर पुलिस को पुल से अवागमन रोकना पड़ा है। 

कालूराम मीणा, सरपंच ग्रा.पं. खोहा।

हलाली डेम रोड पर खोहा के पुरा गांव पुल का कुछ समय पहली ही मरम्मत कार्य किया गया है। लेकिन पुल व उसके पिलरों में बार बार दरार आ जाती हैं। कई बार स्थानीय ग्रामीण इस समस्या को लेकर शिकायत भी कर चुके हैं। लेकिन कोई समाधान नही हुआ है।

वसीम खान, स्थानीय ग्रामीण खोहा।

में सलामतपुर से प्रतिदिन बैरसिया भोपाल अपडाउन करता हूँ। जब खोहा गांव के पुल से निकलता हूं तो यहां से निकलने में जान का खतरा लगता है। क्योंकि पुल काफी समय से जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है। कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। लेकिन शिकायतों के बाद भी अफसर कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं। ऐसा लगता है कि शायद उन्हें कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार है।

साजिद खान, सलामतपुर।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र