वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

इन दिनों नगर सहित क्षेत्र भर मे दुपहिया चार पहिया वाहनों पर अपने बचाव के लिए पुलिस एवं पत्रकार लिखकर चलने का चलन बढ गया है ऐसे वाहनों के अवैध गतिविधियों में शामिल रहने की भी शंका बनी रहती है ऐसे वाहन पुलिस की जांच पडताल से बचने में सफल हो जाते है ।जानकारी के अनुसार इन दिनों नगर सहित क्षेत्र भर मे दुपहिया चार पहिया वाहनों पर पुलिस अथवा पत्रकार शब्द का उपयोग आम हो चुका है जिसे देखो वही वाहन पुलिस पत्रकार लिखकर धडल्ले से दौडाते दिखाई दे जाते है इतना ही नहीं जो लोग अपने व्यवसाय करते हैं वह भी अपने वाहनों पर पुलिस पत्रकार लिखकर दौडाते दिखाई देते है इससे वह पुलिस से बचने में सफल हो जाते है हालांकि अनेक बार पुलिस पत्रकार लिखे वाहनों से अवैध गतिविधियों में शामिल होने की कल ई खुल चुकी हैं बताया जाता है जब जब पुलिस की जांच पडताल होती हैं तब ऐसे वाहन चालक अपने आप को पुलिस के रिश्तेदार अथवा पत्रकार बताने से नही चूकते तब पुलिस भी ऐसे वाहनों को बिना जांच पडताल छोड़ देती हैं इनसे न तो पुलिस पूछताछ ही कर पाती हैं न ही ऐसे वाहनों को अपनी जांच के घेरे में लेने से पहले ही छोड देती है जबकि अन्य लोगों के वाहनों की जांच पडताल बडी बारीकी से होती है ।जबकि ऐसे वाहन चालको का पुलिस एवं पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहता है ऐसे गौरखधंधे से यह वाहन चालक पुलिस एवं पत्रकारिता की छवि खराब करने में पीछे नहीं दिखाई देते हैं अधिकांश ऐसे वाहन चालक कहीं न कहीं अवैधानिक गतिविधियों को अंजाम देने मे पीछे नहीं रहते । ऐसे वाहन चालक पुलिस की आंखों में धूल झौकने मे सफल हो जाते हैं तथा अपनी सभी जांच से आसानी से छुटकारा पा लेते हैं तब जांच करती पुलिस भी पुलिस व पत्रकार लिखकर चलने वाले वाहनों से न तो उनके कागज ही जांच पाती है न ही उनके लाइसेंस की ही जांच हो पाती हैं ऐसे वाहनों पर आरटीओ की भी नजर नहीं पहुंच पाती ऐसे वाहनों पर लिखकर चलने वालों से ही कोई पुलिस तस्दीक कर पाती है ।पुलिस प्रशासन को पुलिस पत्रकार लिखे वाहनों की विशेष अभियान चलाकर अंकुश लगाने की जरुरत रहती है।

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र