सतीश मैथिल /अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM 

सब्जी के बढ़ते दामों ने अब आम आदमी की जेब पर डाका डालना शुरू कर दिया है। पिछले 1 महीने पहले तक 20 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर आज 160 रुपये से लेकर 200 रुपये किलो तक बिक रहा है। तो वहीं अरबी और गिलकी की सब्जी अब 80 रुपये किलो बिक रही है। खाने का स्वाद बढ़ाने वाला हरा धनिया जहां 40 रुपये किलो हुआ करता था। अब वह एक महीने में ही 300 रुपये किलो बिक रहा है।इस बढ़ती हुई महगाई से आम जनता अब ख़ासी परेशान नजर आ रही है।महंगाई की चौतरफा मार आम आदमी का जीना मुश्किल कर रही है। हाल ही में नीबू के भाव आसमान पर पहुंचने के बाद अब टमाटर आंखें लाल कर रहा है। सांचेत में पिछले पखवाड़े भर में टमाटर की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। वर्तमान में थोक बाजार में इसकी कीमत 120 रुपए प्रति किलो के बीच है। जबकि चिल्लर में यह 160- 200 रूपए प्रति किलो के बीच बिक रहा है।इस बार तापमान ज्यादा नही होने के कारण टमाटर का उत्पादन कम हुआ है। वहीं दूसरी ओर आपूर्ति कम हो रही है। पिछले कुछ दिनों से तेज गर्मी पड़ रही है। गर्मी का असर टमाटर फसल पर देखने को मिल रहा है। तेज गर्मी की वजह से टमाटर का उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही फसल भी खराब होने लगी है। टमाटर की फसल पर सालभर मौसम की मार देखने को मिली। बैमौसम बारिश से टमाटर फसल को नुकसान पहुंचा है । वर्तमान में तेज गर्मी की वजह से उसके उत्पादक किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

थोक सब्जी विके्रता दीपक कुशवाह ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक टमाटर के भावों में कमी आने के आसार नहीं के बराबर है। टमाटर की कीमतों में वृद्घि का मूल कारण आवक में कमी है। टमाटर की मांग अध्कि है। और आपूर्ति बेहद कम है। यही कारण है कि टमाटर की कीमत लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मात्र 10 प्रतिशत खेतों में ही सब्जियां हो पा रही है। इस कारण शहर में लोकल सब्जियों की आवक नहीं के बराबर है। अभी जो भी सब्जियां आ रही है वह बाहर से आ रही है।

डीजल के कारण मालभाड़े पर पड़ा असर----डीजल के कारण बढ़े मालभाड़े का असर सब्जियों के दामों पर भी पड़ रहा है। बाहर से आते आते टमाटर दबने के कारण यह कुछ खराब भी आ रहा है, इस कारण हाथ में अच्छा माल कम आ रहा है। इससे भाव का घटना बढ़ना जारी है। इस समय थोक में सबसे कम बैंगन ही मिल रहा है बाकी सभी के दाम ऊंचे चल रहे है।

वर्तमान में सब्जियों के फुटकर रेट-----

सब्जी -पहले= अब

हरी मिर्च हुई 100 किलो

प्याज 20 से 40

आलू  20 से 30

टमाटर 20-200

लहसुन 15 से 200

अदरक 40-150

बैंगन 40-60

लोकी 40 से 60

भिड़ी -40 से 60

हरी मिर्च 40 से बढ़कर हुई 100 रु किलो

शिमला मिर्च 60-100

सब्जियों में सब से अधिक हरी मिर्च आलू व प्याज का प्रयोग होता है। इन दिनों किसान का प्याज खत्म हो गया है। जिन किसानों ने कोल्ड स्टोर में प्याज रखा था। उन्होंने निकाल लिया। किसानों ने कारोबारियों ने भी आलू प्याज खरीद दिया। अपने खाने भर का आलू बचाते हुए किसानों ने खेतों में बीज के रूप में प्रयोग कर लिया। अब केवल कारोबारियों के पास ही आलू शेष है। प्याज को कारोबारियों डंप किया है। इसकी वजह से दाम बढ़ गया था।

इनका कहना है।

हरी सब्जियों के बढ़ते दामों ने खाने का स्वाद बिगाड़ दिया था। लगातार बढ़ कीमतों के कारण खाने की थाली से सब्जियां गायब होने लग गई थी। लौकी से लेकर प्याज तक कि कीमतों में बेसहारा वृद्धि हो गई । ऐसे में सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है।

विनोद लोधी, बैंक मैनेजर सांचेत।

हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। टमाटर का दाम बाजार में 200 रुपये किलो बिक रहा है । खीरा 50 रुपये किलो हो गया है ऐसे में सब्जी के साथ सलाद भी खाने की थाली से गायब हो गया जो कि अब आसानी के साथ उपयोग में लिया जा रहा है।

पंडित बृज मोहन चौबे, कपड़ा व्यापारी सांचेत।

कुछ समय सब्जियों के दाम बाजार में बहुत बढ़ गए है। जिस कारण प्रतिदिन सब्जी खाना बहुत मुश्किल हो रहा था। वर्तमान में, भिडी, करेला  गिलकी आदि सभी सब्जियां 60 से 70 रुपये किलो में मिल रही है।

जसवंत सिंह लोधी, लाइनमैन सांचेत। 

बढ़ती हुई मंहगाई व सब्जी के कीमतों में भारी उछाल खाने की थाली का स्वाद बिगाड़ करके रख दिया था। बैंगन,60 तोरई 80 रुपये किलो, परवल, शिमला मिर्च 80 रुपए किलो मिल रहे थे  इसी तरह सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है जिसे खरीदना मुश्किल हो गया है

राजेश जोशी, शिक्षक सांचेत।


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