सतीश मैथिल /अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

शिव शक्ति पीठ धाम के पंडित प्रियंक कृष्ण शास्त्री ने बताया स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और सूर्य आराधना का महत्व मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान आदि पुण्य काल में करने का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा 15 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में मकर संक्रांति को खिचड़ी, गुजरात और महाराष्ट्र में उत्तरायण पर्व, दक्षिण भारत में पोंगल, असम में बिहू पर्व और बंगाल में गंगासागर स्नान के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, सूर्यपूजा और दान का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही विशेष योग में मनाया जाएगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता पंडित प्रियंक कृष्ण शास्त्री जी के अनुसार जब सूर्य मकर राशि में आते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। 15 जनवरी को सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इस साल मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है और ऐसा संयोग 5 वर्षों बाद बन रहा है। वहीं इस बार मकर संक्रांति पर 77 साल बाद वरियान योग का संयोग भी बन रहा है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति एक बहुत बड़ा पर्व माना जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान और दान करना पुण्य का काम माना जाता है पंडित जी बताते है मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महत्व, सूर्य पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

मकर संक्रांति 2024 की शुभ तिथि---वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक सूर्यदेव 15 जनवरी को सुबह तड़के 02 बजकर 43 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जहां ये 13 फरवरी को दोपहर बाद 03 बजकर 45 मिनट तक गोचर करेंगे, उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मकर राशि शनिदेव की राशि होती है और सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि में पूरे एक माह तक रहेंगे।

मकर संक्रांति स्नान-दान का शुभ मुहूर्त-धर्मगंथ्रों के अनुसार मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान आदि पुण्य काल में करने का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

पुण्य काल मुहूर्त : 07:15 से 12:30 मिनट तक

अवधि : 5 घंटे 14 मिनट।

महापुण्य काल मुहूर्त : 07:15 से 09:15 मिनट तक अवधि : 2 घंटे 

मकर संक्रांति और शुभ संयोग 2024

इस वर्ष मकर संक्रांति का विशेष महत्व है, दरअसल 77 साल बाद मकर संक्रांति पर रवि योग के साथ वरियान योग का संयोग रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार रवियोग 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। वहीं वरियान योग 14 जनवरी को रात 02 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 15 जनवरी की रात 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। 

मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा विधि---मकर संक्रांति पर स्नान करने और दान का विशेष महत्व होता है, लेकिन उसके पहले सूर्यदेव की आराधना का खास महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर अपने घर के पास स्थित किसी पवित्र नदी में स्नान करें। वहीं अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव न होता तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे और काला तिल डालकर स्नान कर लें। स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, अक्षत, गंगाजल की कुछ बूंदे, सिंदूर और लाल फूल डालकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें। भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। फिर इसके बाद सूर्य चालीसा और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।

 

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