-10 वर्षों से ग्रामीण पानी के लिए हैं परेशान, 300 रुपए देकर निजी ट्यूबबेल से भर रहे पानी

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। प्रधान संपादक IND28.COM

रायसेन जिले के सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत सेमरा के गांव केमखेड़ी के ग्रामवासी पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं। इस भीषण गर्मी में भी एक-एक कुप्पा पीने के पानी के लिए महिलाओं को पसीना बहाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हैंडपंप तो हैं लेकिन वो भी खराब पड़े हैं। वे निजी ट्यूबवेल पर भारी-भरकम शुल्क देकर लंबी लंबी लाइनों में लगकर पानी भरकर लाते हैं। वहीं पानी भरने को लेकर महिलाओं में रोज लड़ाइयां होती हैं। 65 वर्षीय वृद्ध महिला यशोदी बाई ने बताया कि गांव में हैंडपंप होने के बाद भी पानी की सुविधा नहीं है क्योंकि हैंडपंप खराब हैं। इसलिए उन्हें निजी ट्यूबवेल से 300 रुपए महीने के शुल्क देकर पानी भरना पड़ रहा है। उस पर भी भीड़ इकट्ठा हो जाती है और महिलाओं की आपस में लड़ाई होती है। करीबन 10 साल से ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। मगर पीएचई विभाग के जिम्मेदार द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां पर दिन भर पानी भरने के लिए महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों की कतार लगी रहती हैं। पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे यहां के लोगों का दिन भर पानी भरने में ही बीत जाता है ।जिससे वह मजदूरी भी नहीं कर पाते हैं।

नल जल योजना तो दूर की बात गांव के हैंडपंप तक हैं खराब-----

सांची विकासखंड के सेमरा ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले गांव केमखेड़ी में ऐसी भीषण गर्मी में ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर परेशान हैं। वहीं सरकार द्वारा दावा किया जाता है कि हर गांव में घर घर नल के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। मगर सरकार के दावों की जमीनी हकीकत हमें देखने को मिली ग्राम केमखेड़ी में यहां पर नल जल योजना तो दूर की बात है गांव के हैंडपंप भी खराब पड़े हुए हैं। जिससे यहां के ग्रामीणों को पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता है और प्राइवेट ट्यूबवेल पर तीन सौ रुपए महीने देकर पानी भरते हैं। नंबर लगाकर अपनी बारी आने तक घंटों धूप में बैठा रहना पड़ता है और कई लोग तो ऐसे हैं यह दूरदराज खेतों में जाकर पानी लाने को मजबूर हैं ऐसे में सरकार के दावों की हकीकत सामने आई है।

सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी-----  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सांची जनपद के केमखेड़ी गांव में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और कहीं कहीं तो लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को निजी ट्यूबबेल से महीने के तीन सौ रुपए देकर पीने का पानी भरना पड़ा रहा है।

इनका कहना है।

ऐसी भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए सुबह से ही परेशान होना पड़ता है। तीन सौ रुपए महीना का देकर निजी ट्यूवबेल से पानी भरना पड़ता है। इस समस्या की शिकायत भी करी थी। लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुनवाई नही करी।

श्याम बाई, स्थानीय निवासी केमखेड़ी।

गांव में ना तो कोई कुआं है जिससे हम पीने का पानी भर सकें और तो और सरकारी हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। पानी भरने के लिए सुबह से ही महिलाओं के बीच लड़ाईयां शुरू हो जाती हैं।

रागनी बाई, स्थानीय निवासी केमखेड़ी।

सरकार गांव गांव में नलजल योजना के माध्यम से घर-घर पानी पहुंचाने के दावे कर रही है। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां तो नलजल योजना तो दूर की बात है गांव में हैंडपंप तक खराब पड़े हैं। अगर शिकायत करो तो अधिकारी दबाब बनाकर शिकायत बंद करवा देते हैं। ऐसे में हमारी पानी की समस्या का निदान कैसे होगा यह समझ से परे है।

रघुवीर आदिवासी, केमखेड़ी।


न्यूज़ सोर्स : अदनान खान प्रधान संपादक IND28.COM