-कई बार शिकायत के बाद भी नही हुआ समाधान 

सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट। एडिटर इन चीफ IND28.COM

यह सुनकर भरोसा नहीं होता कि कोई गांव ऐसा भी हो सकता है जहां आजादी के 75 साल गुजर जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा तो दूर 100 लोगों का परिवार एक जगह रहता है और वहां पर आम रास्ता तक नहीं है। जो पड़ोसियों को खेत में से निकलने को मजबूर हैं। हम बात कर रहे हैं। सांची विकासखंड के ग्राम सरार में एक ही परिवार के लगभग 100 लोग के निकलने के लिए आम रास्ता नहीं है। जो पुराना रास्ता था वो कहीं ना कहीं आसपास के किसानों द्वारा अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया है। जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री  जिला प्रशासन एवं तहसील में भी आवेदन दे चुके हैं। मगर कोई निराकरण नहीं हुआ। ऐसे में सरार गांव के मालवीय परिवार के लोगों ने आने वाले चुनाव में मतदान नहीं करने का मन बना लिया है।

60 साल से गांव में रह रहा है 100 लोगों का मालवीय परिवार---रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले सांची विकासखंड के ग्राम पंचायत सरार के ग्राम सरार में मालवीय समाज के एक ही परिवार के लगभग 100 लोग एक जगह पर बरसों से रहते हैं। लोगों ने बताया कि लगभग 60 साल से यहां अपने खेतों पर मकान बनाकर रह रहे हैं। मगर हमारा निकलने का आम रास्ता था उस पर अतिक्रमण है। ऐसे में अब खेतों में से निकलते हैं जो बरसात के वक्त बड़ी समस्या होती है। खेतों में फसल होने के कारण ट्रैक्टर ट्रॉली भी नहीं निकाल पाते हैं। और जिसके खेत में से निकलते हैं उनसे भी विवाद की स्थिति बनती है। आम रास्ते का सीमांकन कराकर रास्ता खुलवाने को लेकर स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी से लेकर कलेक्टर अरविंद दुबे और सांची नायब तहसीलदार को भी आवेदन दे चुके हैं। मगर अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ जिससे इस परिवार के लोगों में काफी रोष है। इन परिवार के लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का भी मन बना लिया है। इन लोगों का कहना है कि हमारे बच्चे भी स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में खेतों में से निकलने में बच्चों के कपड़े गंदे हो जाते हैं। और टाइम पर भी स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई तो हम आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे।

इनका कहना है।

रास्ता नही होने के चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर रास्ता नही मिला तो विधानसभा चुनाव में वोट नही करने का मन बना लिया है। 

कृष्णा बाई, स्थानीय ग्रामीण।

गांव में पहले तो रास्ता था। लेकिन अब अतिक्रमण कर लिया गया है। सांची तहसील से लेकर रायसेन कलेक्टर को भी मामले की शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है। और समस्या वहीं की वहीं बनी हुई है। 

जसवंत सिंह मालवीय, ग्रामीण।

पापा मुझे स्कूल अपने कंधे पर बिठाकर ले जाते हैं। बारिश के मौसम में तो दिक्कत और बढ़ जाती है मुझे खेतों की कीचड़ से निकलकर स्कूल जाना पड़ता है। जिससे कपड़े गंदे हो जाते हैं और समय से स्कूल भी नही पहुंच पातें।

प्रिंस मालवीय, छात्र कक्षा 3

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडीटर इन चीफ IND28.COM