सतीश मैथिल /अभिषेक लोधी सांचेत रायसेन। IND28.COM

बेसहारा मवेशियों के आतंक से परेशान किसान और दुकानदार विकासखंड सांची अंतर्गत कस्बा सांचेत नकतरा खंडेरा डावर के किसान दुकानदार व आमजन के लिए बेसहारा मवेशियों का खुलेआम विचरण करना गंभीर समस्या बन गई है। कस्बावासी इन दिनों मवेशियों के आतंक से काफी परेशान हैं। मवेशी खेत में तैयार हो रहे धान के रोपा व सोयाबीन के पौधों को खाकर फसलों का नुकसान करने में लगें हैं। साथ ही मुख्य मार्ग के बीच झुंड में बैठकर आवागमन को अवरुद्ध करतें हैं। इनसे टकराकर वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। बावजूद इसके पशु मालिकों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही और न कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पिछले दिनों ग्राम पंचायत ने आवारा पशुओं के मालिकों के लिए कोटवार के माध्यम से कस्बा के अंदर मुनादी भी कराई थी कि वे अपने अपने पशु को कब्जे में लेकर घर में बांधे और वहीं चारा पानी की व्यवस्था करें। करीब एक कह बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

कस्बा सांचेत के किसान दीपक खत्री संतोष पंथी ने बताया कि आवारा पशुओं ने उनका जीना दुश्वार कर दिया हैं। उन्होंने अपने अपने खेतों में धान और सोयाबीन की फसल के लिए बीज बोया है। फसल अंकुरित होकर पौधे का रुप ले रहें हैं, लेकिन आवारा पशुओं के झुंड इन पौधों को चट करनें में लगें हैं। पशुओं को डंडा लेकर भगा दिया जाता हैं लेकिन वे घूम फिरकर वापस खेतों में आ जाते हैं। किसानों का कहना हैं कि इसकी शिकायत स्थानीय स्तर पर की गई थी। मुनादी भी हो गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पशु मालिक अपने आवारा जानवरों के रखरखाव को लेकर गंभीर नहीं हैं।

कस्बा के फल विक्रेता लव कुश कुशवाह ने बताया कि आवारा जानवर बकरा बकरियों ने लंबे समय से दुकानदारों को परेशान कर रखा है। एक तरफ से इनको भगाओ तो दूसरी तरफ से आ जातें हैं और जरा भी नजर चूकी तो सीधा फलों को निवाला बनाते हैं। इनके मालिकों से शिकायत करों तो उल्टा हमें ही खरीखोटी सुना देतें हैं। सब्जी विक्रेता दीपक कुशवाह ने बताया कि पूरा दिन इन जानवरों को भगाने में गुजरता है। नुकसान की बात करें तो दो चार किलो सब्जी तो ये मुफ्त में खा जातें हैं।

कस्बा के लोगों ने बताया कि चौराहे से लेकर हाई स्कूल के पास तक आवारा जानवरों का झुंड मुख्य मार्ग के बीच बैठा रहता हैं। ये आवागमन को बाधित तो करते ही हैं साथ ही दुर्घटना का कारण भी बन रहें हैं। यहीं कारण हैं कि सडक में बैठे जानवरों से टकराकर आए दिन लोग घायल हो रहे हैं। बावजूद इसके पशु मालिकों के कान में जूं नहीं रेंग रही। दुकानदार हल्के भैया भीम बघेल ने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत मुख्य चौराहा के आसपास होती हैं। यहां आवारा जानवरों का झुंड हमेशा बीच सडक में बैठा मिलेगा और भगाने से भी नहीं भागते।

 

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