-बारिश में मकान तोड़ने को लेकर अधिकारियों पर FIR कराने सागर से सीएम हाउस भोपाल के लिए पैदल निकला है गरीब परिवार

-रविवार को 160 किलोमीटर पैदल चलकर सलामतपुर पहुंचा 7 सदस्यीय परिवार, सोमवार को पहुंचेगा भोपाल

-तहसीलदार, नायब तहसीलदार पटवारी पर एफआईआर कराना चाहता है पीड़ित परिवार

-पैदल यात्रा में 70 साल की बुजुर्ग मां, परिवार की 2 महिलाएं, 4 पुरुष और डेढ़ महीने की बच्ची भी है शामिल

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

सागर जिले के ताजपुर गांव में एक गरीब किसान का घर तोड़ दिया गया जिसमें वह कई वर्षों से रह रहा था। अब इंसाफ मांगने के लिए किसान का सात सदस्यीय परिवार जिसमें तीन महिलाएं, चार पुरुष और एक डेढ़ साल की बच्ची शामिल हैं। सभी 7 अगस्त को गांव से 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर भोपाल सीएम से मिलने पैदल यात्रा पर निकले हैं। रविवार को लगभग 160 किलोमीटर का पैदल सफर कर पूरा परिवार सलामतपुर कस्बे में पहुंचा है। बातचीत में परिवार के सुरेन्द्र पटेल ने बताया कि एक तरफ तो सरकार कहती है कि वह किसानों की सरकार है। और दूसरी तरफ बारिश के मौसम में किसानों के घर तोड़े जा रहे हैं। यह कैसा इंसाफ है। उन्होंने बताया कि वह सागर जिले के ताजपुर गांव में एक एकड़ भूमि पर किसानी करते हैं। 8 जुलाई को उनका घर अनिल श्रीवास्तव की साजिश के तहत तोड़ दिया गया। उसके बाद परिवार ने कई बार कलेक्टर एसपी को आवेदन दिए लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। अब मेरा पूरा परिवार जिसमें रामाधार पटेल, परसराम पटेल, लक्ष्मण पटेल, राजेन्द्र पटेल, रूप रानी पटेल, संध्या पटेल, रजनी पटेल और डेढ़ साल की शानवी शामिल है। मुख्यमंत्री से मामले की शिकायत करने और तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी और अनिल श्रीवास्तव पर एफआईआर कराने के उद्देश्य से पैदल यात्रा पर निकले हैं। हमारा परिवार 7 अगस्त को घर से निकला है। लगभग 200 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके 12 अगस्त को भोपाल पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री से मिलकर अधिकारियों पर कार्रवाई करवाएंगे।

न्याय की गुहार लगाने CM हाउस पैदल जा रहे परिवार की पूर्व मुख्यमंत्री ने गाड़ी रोककर सुनी समस्याएं--सागर जिले के जैसीनगर तहसील के ताजपुर में प्रशासन ने पट्टे की जमीन पर बना घर तोड़ दिया अब पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पैदल भोपाल जा रहा था। तभी रास्ते में भोपाल विदिशा हाईवे 18 पर दीवानगंज के पास पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफिला गुजर रहा था। हाथ में बैनर लिए और छोटे-छोटे बच्चों के साथ परिवार को देखकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपना काफिला रोका और पीड़ित परिवार की समस्या सुनी, पीड़ित परिवार ने पूरी समस्याएं पूर्व मुख्यमंत्री को बताई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समस्या सुनकर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने बात करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार पर तंज कस्ते हुए कहा कि जबकि सरकार का यह नियम है मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है अगर कोई बेघर है और उसने सरकारी जमीन पर मकान बना लिया है वह जमीन उसके नाम कर दी जाएगी। उदाहरण है यहां सरकार ने वादा किया मगर निभाया नही। इन लोगों के पास न कोई जमीन है ना घर है एक मकान था वह भी तोड़ दिया। तत्कालीन को फिर से बसाया जाए और पीएम आवास योजना का लाभ भी दिलाया जाए जब तक उनके लिए कोई ना कोई व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाए।

पैदल यात्रा में परिवार की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी हैं शामिल---

ताजपुर गांव से 200 किलोमीटर पैदल भोपाल जाने के लिए निकले परिवार में 4 भाई, दो भाइयों की पत्नी एक डेढ़ साल की बच्ची और 70 साल की बुजुर्ग रूप रानी पटेल भी शामिल हैं। परिवार का ताजपुर गांव में एक 70 से 80 साल पुराना मकान बना हुआ था। जिसे शासकीय भूमि पर बना होना बताकर 8 जुलाई को तोड़ दिया गया। पीड़ित परिवार के सुरेन्द्र ने बताया कि  गांव के ही मकान तुड़वाने में गांव के ही अनिल श्रीवास्तव का हाथ होना बताया कि उसने ही अधिकारियों को रुपए देकर कार्रवाई कराई है। पीड़ित परिवार ने बारिश के मौसम में उनके घर को जेसीबी से तोड़ने की कार्रवाई को उचित नही बताया। क्योंकि अब परिवार के पास रहने को कोई जगह नही है। इसलिए पूरा परिवार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलने भोपाल के लिए निकल गया है। 

इनका कहना है।

परिवार के 7 सदस्य 200 किलोमीटर पैदल चलकर भोपाल पहुंचगे। साइकिल पर सामान बांध रखा है। रास्ते में कोई गांव पड़ता है तो लोग वहीं खाना खिला देते हैं। और सागर के ताजपुर गांव में हमारी एक एकड़ खेती की भूमि है। जिसमें खेती कर परिवार का गुज़र बसर चल रहा था। मकान टूटने से बारिश में सर पर छत ही नही बची। ज़िम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर कराने के लिए पैदल भोपाल सीएम साहब से मिलने जा रहे हैं।

परसराम पटेल, पीड़ित ताजपुर गांव जिला सागर


न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र