-स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मामला होने के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी नही दे रहे ध्यान

 

सलामतपुर रायसेन से अदनान खान। प्रधान संपादक IND28.COM

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मर्चुरी रूम नही होने से दुर्घटनाओं या हत्या जैसे मामलों में मृत लोगों के पोस्टमार्टम के लियें परिजनों को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि कई वर्षों से स्थानीय ग्रामीण इस समस्या के समाधान के लिए शिकायतें भी कर चुके हैं। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। सलामतपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगभग बयालीस गांव आते हैं। और भोपाल-विदिशा रोड पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में दुर्घटना में यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को यहां से वहां भटकना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से भी कई बार मांग करी है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र ही मर्चुरी रूम बनाया जाए। ताकि कोई भी दुर्घटना,एक्सीडेंट या हत्या जैसे मामलों में मृतक के परिजनों को शव के पोस्टमार्टम के लिए परेशान न होना पड़े। लेकिन अभी तक स्थानीय ग्रामीणों की मांग पूरी नही हुई है।

67 साल से बने हुए हैं ये हालात-----

सांची ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले सलामतपुर स्थित शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शव के पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी रूम नहीं है। पहले तो अस्पताल के पास स्तिथ जंगल में मृतकों के शव का पोस्टमार्टम होता था। जैसे तैसे जंगलों में पोस्टमार्टम होना बंद हुआ तो मरचुरी रूम की समस्या शुरू हो गई। यह हालत यहां पिछले 67 साल से बने हुए हैं। सलामतपुर अस्पताल का निर्माण 1956 में हुआ था। और यहां 42 गांव के ग्रामीण अपना इलाज कराने आते हैं। कई बार शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस द्वारा सलामतपुर अस्पताल भेजा जाता है तो वहां उनका पीएम नही हो पाता है। जिससे मृतक के परिजनों को काफी पीड़ा होती है। और उन्हें शव को सांची या रायसेन लेकर जाना पड़ता है। वहीं पुलिस का भी हाल बुरा हो जाता है वह भी यह सब देखकर घबरा जाते हैं। स्थानीय ग्रामीण कैलाश गोस्वामी ने बताया कि कई बार स्वास्थ्य केंद्र में मर्चुरी रूम नही होने की शिकायत मंत्री और कलेक्टर को आवेदन के द्वारा बताई गई हैं। लेकिन आज तक उन आवेदनों पर सुनवाई नही हुई है। कई बार कोई दुर्घटना में मृत हुए व्यक्ति के परिजनों को शव का पोस्टमार्टम कराने के लिएं परेशान होना पड़ता है। अगर इस समस्या का समाधान शीघ्र ही नही हुआ तो स्थानीय नागरिक मर्चुरी रूम के लिएं आंदोलन करेंगे।

भोपाल विदिशा हाईवे पर रोज़ होते हैं हादसे----स्टेट हाइवे 18 के दीवानगंज से लेकर सलामतपुर के बीच रोज़ रोड दुर्घटनाएं होती है। क्योंकि इस मार्ग पर वाहनों का बहुत अधिक दबाव रहता है। यहां से प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में छोटे बड़े वाहन निकलते हैं जो भोपाल से विदिशा, रायसेन, सागर, जबलपुर, यूपी, गुजरात आदि स्थानों पर जाते हैं। जिसकी वजह से इस क्षेत्र में आए दिन रोड हादसों में लोगों की मौते होती हैं। लेकिन समस्या जब ज़्यादा बड़ी हो जाती जब शव के पोस्टमार्टम की बारी आती है। क्योंकि सलामतपुर स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी रूम की व्यवस्था नही है। मृतक के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए शव को साथ लेकर यहां वहां भटकना पड़ता है। या तो परिजनों को सांची या रायसेन स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है। जिसकी वजह से परिजनों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। 

इनका कहना है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सलामतपुर में पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी रूम नही है। अगर किसी व्यक्ति की घटना या दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो परिजनों को उसके शव के पोस्टमार्टम के लिए 8 किलोमीटर दूर सांची स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ता है। 

डॉ रवि राठौर, मेडिकल ऑफिसर प्रा.स्वा. केंद्र सलामतपुर।

42 गांव के सरकारी अस्पताल सलामतपुर में शव के पोस्टमार्टम के लिए मरचुरी रूम कई सालों से नही है। जिसकी वजह से रोड दुर्घटना या कोई और घटना में मृत व्यक्ति के शव को यहां वहां लेकर परिजनों को भटकना पड़ता है। ज़िम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे हैं।

रघुवीर मीणा, सरपंच ग्राम पंचायत रातातलाई।

स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार शिकायत के माध्यम से ज़िम्मेदार अफसरों को इस समस्या से अवगत कराया है। लेकिन समस्या का समाधान कई वर्ष बीतने के बाद भी संभव नही हो सका। और सलामतपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अभी तक मर्चुरी रूम नही बनाया गया है।

बबलू पठान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलामतपुर।

 

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान, प्रधान संपादक IND28.COM