-पीने के पानी के लिए जद्दोजहद कर रही हैं महिलाएं, ज़िम्मेदार पीएचई विभाग नही दे रहा ध्यान

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। एडिटर इन चीफ IND28.COM

घर-घर नल कनेक्शन कर पानी देने का सरकार का वादा ग्रामीण क्षेत्रों में झूठा साबित हो रहा है, कई गांवों में नल-जल योजना के अंतर्गत सरकार ने लाखों रुपए पीएचई विभाग व ग्राम पंचायत के माध्यम से गरीब लोगों को पानी पिलाने की मंशा से खर्च तो करें, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से सरकार के वादे खोखले साबित कर दिए। ऐसा ही एक मामला सांची विकासखंड के गांव मुश्काबाद में देखा जा सकता है। मुस्काबाद में 8 महीने पहले योजना के अंतर्गत पाइप लाइन डाल कर घर-घर नल कनेक्शन दिए थे। लेकिन नल जल योजना मुश्किल से 6 महीने ही चल पाई। पिछले 2 महीने से पानी की मोटर खराब होने से नल जल योजना बंद पड़ी है। नल जल योजना बंद पड़ी होने के कारण लोग पानी की समस्या से जूझकर इधर-उधर से पीने के पानी की पूर्ति कर रहे हैं। गांव में जो हैंड पंप है उसमें भी गंदा पानी आ रहा है। जिसे ग्रामीण पीने को मजबूर हैं। वही ग्रामीणों ने कई बार पीएचई विभाग से शिकायत की। मगर जिम्मेदारों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

टंकी 2 महीने से बनी हुई है शो-पीस---- मुश्काबाद गांव में नल जल योजना के लिए पानी की टंकी तो बना दी। लेकिन वह भी 2 महीने से शो पीस बनी हुई है। क्योंकि पानी की मोटर जली हुई है। पीएचई विभाग के ठेकेदार या ज़िम्मेदारों का कोई अता पता नहीं है। जिससे ग्रामीणों के अरमानों पर पानी फिर गया है। और नल जल योजना पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। ग्रामीणों को पानी के लिए हैंडपंप और निजी ट्यूबवेल से पानी लाने को मजबूरी बनी हुई है। इतना ही नहीं पानी के नंबर को लेकर महिलाएं आपस में उलझते हुए देखी जा रही है। नल जल योजना के तहत बनाई गई पानी टंकी शो-फीस बन गई हैं। ग्रामीण पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। सरकार ने गांव में पानी की समस्या से निपटने के लिए कुछ ही माह पूर्व लाखों रुपया खर्च कर पानी टंकी का निर्माण कार्य किया था। लेकिन घरों तक पानी भेजने के लिए पाइप लाइन अब तक नही बिछाई गई है।  कई बार शिकायत करने के बावजूद भी पीएचई अफसर व कर्मचारी जल संकट से मुक्ति नहीं दिला पा रहे है। ग्रामीणों के अनुसार नल जल योजना पूरी होने का दावा तो किया जाता है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही समाने नजर आ रही है। पेयजल को लेकर ग्रामीण मांग कर चुके हैं। लेकिन ग्रामीणों की मांग को तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों को पेयजल के लिए हैंडपंप पर निर्भर बने हुए हैं।

मोटरसाइकिल से ढो रहे हैं पीने का पानी----मुश्काबाद गांव में पानी की समस्या कोई नई समस्या नही है। यह समस्या वर्षों से ज्यों की त्यों बनी हुई है। क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल योजना स्वीकृत हुई तो ग्रामीणों ने सोचा कि चलो अब पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। जैसे तैसे योजना में पानी की टंकी व पाईप लाइन बिछाई गई। लेकिन पानी सिर्फ 6 महीने ही नलों में आया और मोटर जल गई। मोटर जले हुए भी 2 महीने बीत गए। लेकिन मोटर को सुधरवाया नही गया। जिसकी वजह से गांव में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। हालात यह है कि लोगों को अपने काम छोड़कर मोटरसाइकिल से पीने का पानी ढोना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि ज़िम्मेदार अधिकारी कब कुम्भकर्ण की नींद से जागेंगे और कब समस्या का समाधान होगा।

सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी------मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन मुश्काबाद में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को पहाड़ से नीचे आकर पानी भरना पड़ रहा है। 

इनका कहना है।

गांव की जनता पानी के लिए परेशान रहती है। गांव में हैंडपंप और ट्यूबबेल तो हैं। लेकिन पानी हमारे घर तक नही पहुंच पा रहा है। महिलाएं व बच्चों को पहाड़ से नीचे आकर सुबह से ही पानी के लिए परेशान होना पड़ता हैं। नलजल योजना 2 महीने से बंद पड़ी है। अगर शीघ्र ही हमारी समस्या का समाधान नही हुआ तो हम आंदोलन करेंगे।

शांति बाई, स्थानीय महिला मुश्काबाद।

पानी भरने के चक्कर में हम लोग मजदूरी करने नही जा पा रहे हैं। गांव में हैंडपंप ट्यूबबेल हैं जो लगभग पचास घरों के पीने के पानी का सहारा है। गांव में टँकी बनी तो हम लोग खुश हुए की अब पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी। लेकिन समस्या वहीं की वहीं है। 

सुमेर बाई, स्थानीय महिला मुश्काबाद।

मुश्काबाद गांव में 1 हैंडपंप वा 1 ट्यूबवेल है। लेकिन हैंडपंप का पानी पीने योग्य नही है उसमें से कभी कभी लाल पानी आने लगता है। पूरा गांव हैंडपंप के सहारे अपनी प्यास बुझा रहा है। मोटरसाइकिल से पीने का पानी ढोना पड़ रहा है। ज़िम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नही दे रहे हैं। जिसकी वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राजेंद्र विश्वकर्मा, स्थानीय ग्रामीण।


न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM