-होलिका दहन में गोकाष्ठ का उपयोग करने का आव्हान

-गोकाष्ठ उपयोग से बचेंगे जंगल, गौशालाओं को होगी आय  

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में गौरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण एवं सनातन संस्कृति का गौरव गान विषय पर बौद्धिक संवाद आयोजित हुआ। पर्यावरण संरक्षण पर सांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पहले खेतों में गोबर और राख डाली जाती है आज रसायनों ने खेत के साथ-साथ  फसलों-फलों (उत्पादों) को ज़हर बना दिया है। प्रो लाभ ने उदाहरण दिया कि आजकल केले में कीड़े हो रहे हैं जबकि पहले केला सड़ जाता था लेकिन कीड़े नहीं पड़ते थे।जल संरक्षण पर दक्षिण अफ्रीका के शहर जोहेन्सबर्ग का ज़िक्र करते हुए प्रो लाभ ने कहा कि इस शहर को जल विहीन घोषित किया जा चुका है। हालात दिन प्रति दिन ऐसे हो रहे हैं कि पेट्रोल पंपों की तरह पानी भी पंप के माध्यम से खरीदना पड़ेगा। प्रो. लाभ ने कहा कि जितना पानी हम धरती के गर्भ से निकाल रहे हैं उतना वापस नहीं लौटा रहे इसलिए पानी को लेकर समस्याएं खड़ी हो रही हैं।महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत में महिलाएं कभी अशक्त रही ही नहीं और हम विश्व की प्राचीनतम सभ्यता “वसुधैवकुटुंबकम” को लेकर चल रहे हैं। प्रो लाभ ने आव्हान किया कि प्रकृति के संरक्षण के लिए मनुष्य को भौतिकवादी दृष्टिकोण को छोड़ना होगा। भोपाल की मां हिंगलाज सेवा संस्थान और सांची विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में डॉ. राजकुमार मालवीय ने आह्वान किया कि अधिक से अधिक गोकाष्ठ का उपयोग कर होलिका दहन किया जाए। उनका कहना था कि इससे कई पेड़ों को कटने से बचाया जा सकेगा और पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा, साथ ही साथ गौरक्षा व महिला सशक्तिकरण का कार्य भी हो सकेगा क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं गोबर से गोकाष्ठ तैयार करने का कार्य कर आय अर्जित कर रही हैं।उनका कहना था कि गोकाष्ठ की अग्नि ऊपर नहीं उठती जिसके कारण आग लगने के हादसे भी न्यूनतम हो जाते हैं वरना होली के दौरान कई जगह आस-पास के घरों आग भी लगने की खबर आती है।विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. अलकेश चतुर्वेदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए भी गौ-संवर्धन आवश्यक है। स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि गोत्रों का संबंध भी गाय से ही है। धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता प्रो नवीन कुमार मेहता ने किया।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM