-बौद्धधर्म में पर्यावरणीय चेतना पर विचार गोष्ठी आयोजित

-बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारना आवश्यक- प्रो. लाभ

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

कस्बे में स्तिथ साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के अकादमिक परिसर में 2568 वीं त्रिविध पावनी पवित्र वैशाख पूर्णिमा बुद्ध पूर्णिमा का आयोजन बौद्ध- दर्शन विभाग एवं अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन स्कूल द्वारा किया गया। इस अवसर पर बौद्धधर्म में पर्यावरणीय चेतना विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कुलगुरु प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भगवान् बुद्ध की शिक्षाओं को वास्तविक जीवन में उतारना अत्यंत आवश्यक है। विचार गोष्ठी में विशेषकर इस बात पर चर्चा की गई कि वर्तमान में लोग विभिन्न पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहे हैं तथा इसके निदान में निश्चित ही भगवान् बुद्ध के उपदेशों की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.अल्केश चतुर्वेदी ने कहा कि भगवान् बुद्ध का भारतीय ज्ञान परम्परा में महत्वपूर्ण योगदान है। इस विषय पर विभिन्न विभाग के शोधार्थीयों द्वारा शोध - पत्र का वाचन भी किया गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में कुलगुरु महोदय द्वारा भगवान् बुद्ध की प्रतिमा पर धूप, दीप, गन्धादि से पूजा कर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात् बौद्ध - दर्शन विभाग के शोधार्थी भिक्षुओं द्वारा पालि, संस्कृत-भोट एवं वियतनामी भाषा में बुद्ध वंदना की गयी। तदुपरांत सभा में उपस्थित सभी लोगों ने विपस्सना ध्यान-साधना का अभ्यास किया ।कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम प्रातः 8 बजे विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित बोधिवृक्ष की पूजा से किया गया। बोधिवृक्ष के नीचे भगवान् बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोधिपूजा में बोधिवृक्ष को चीवर चढाया गया। तत्पश्चात् पानी, पुष्प, धूप, दीप एवं गन्धादि से पूजा करायी गयी। इसी क्रम में पालि सुत्तों एवं वियतनामी भाषा के सूत्रों का परित्तपाठ किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. नवीन मेहता और परीक्षा नियंत्रक हरीश चन्द्रवंशी उपस्थित थे। इसी तारतम्य में अतिथियों का शब्दपुष्पांजलि से स्वागत बौद्ध- दर्शन  विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सन्तोष प्रियदर्शी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बौद्ध दर्शन विभाग के अन्य सहायक प्राध्यापक डॉ. रमेश रोहित "रत्नशील" एवं विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक गणों ने सहायता प्रदान की।  कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी शैक्षिक, गैर-शैक्षिक अधिकारी एवं कर्मचारी, विद्यार्थी, शोधार्थीयों ने उपस्थिति दर्ज की। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. नवीन मेहता ने किया। शोध-पत्र वाचको को कुलगुरु महोदय द्वारा धम्मपद की पुस्तक भेंट की गयी।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM