शांति और आनंद ही मोक्ष है, मोक्ष और बंधन का कारण मन है:डॉ खत्री

-सांची विश्वविद्यालय में योग शिविर का तीसरा दिन
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ध्यान शिविर के तृतीय दिवस मोक्ष, आनंद और शांति के बारे में बताया गया। योग एवं आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर उपेंद्र बाबू खत्री ने कहा कि जिसके पास शांति और आनंद है वही मोक्ष है। मन ही मोक्ष का कारण है मन ही बंधन का कारण है और बंधनों से मुक्ति ही ध्यान है। डॉ. खत्री ने कहा कि ध्यान का अर्थ होता है साक्षी होना। ध्यान के समय जो भी विचार और संवेदनाएं उत्पन्न होती है। उनके प्रति साक्षी रह कर दृष्टा भाव से देखना और विचलित न होना ही योग है। डॉ. खत्री के अनुसार जीवन का लक्ष्य है ओंकार को जानना और ओंकार की यात्रा करने का नाम ही माण्डूक्य उपनिषद है। डॉ. खत्री ने उन्होंने कहा कि अकार अर्थात जागृत अवस्था तथा ओंकार अर्थात स्वप्न अवस्था। जागृत अवस्था में संवेदनाओं को 19 मुखों द्वारा ग्रहण किया जाता है I स्वप्न अवस्था में भी 19 मुखो द्वारा विचारों और कल्पनाओं को ग्रहण किया जाता है।विश्वविद्यालय के योग शिविर में माण्डूक्य उपनिषद से संबंधित वीडियो दिखाया गया। इसके बाद उपनिषद के श्लोकों का उच्चारण किया गया व अर्थ बताया गया। जिन पर ध्यान के लिए उपयोगी आसन कराए गए।