कर्क रेखा पर सेल्फी का क्रेज, सुरक्षा इंतजामों के बिना हाईवे क्रॉस कर रहे पर्यटक
-रविवार को बड़ी संख्या में पहुंचते हैं भोपाल सीहोर सहित आसपास क्षेत्र के पर्यटक
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन जिले के कर्क रेखा स्थान जो भोपाल-विदिशा स्टेट हाईवे 18 पर स्थित है ने अपनी अनूठी पहचान के चलते पर्यटकों के लिए एक आकर्षक सेल्फी प्वाइंट बना लिया है। यहां रविवार को पर्यटकों की भीड़ और बढ़ जाती है, जिसमें पर्यटक परिवार सहित पहुंचते हैं, जो इस स्थान की ख्याति के बारे में सुनकर रुकते हैं और सेल्फी खींचते हैं। हालांकि, इस स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था का अभाव चिंता का विषय बना हुआ है। पर्यटक, खासकर बच्चे और परिवार, अपनी जान जोखिम में डालकर हाईवे पार करते हैं, क्योंकि सड़क पर किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था या संकेत नहीं हैं। यह स्थिति संभावित हादसों को बढ़ावा दे सकती है। इस कर्क रेखा स्थान की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, पर्यटन विभाग को सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है। यदि यहां बेहतर व्यवस्थाएं, जैसे सुरक्षित सड़क पार करने के लिए मार्ग, संकेतक बोर्ड, और सेल्फी पॉइंट्स की उपयुक्त डिजाइनिंग हो, तो यह न केवल पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है, बल्कि उन्हें और अधिक आकर्षित भी कर सकता है।
क्यों प्रसिद्ध है कर्क रेखा स्थल---कर्क रेखा स्थल इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर हर वर्ष 21 जून को दोपहर के 12 बजे व्यक्ति को अपनी परछाई भी नहीं दिखती और परछाई भी साथ छोड़ देती है। हम बचपन से यह कहावत सुनते आ रहे हैं कि कोई साथ हो न हो, आदमी का साया हमेशा उसके साथ रहता है, लेकिन 21 जून को कर्क रेखा क्षेत्र में आदमी का साया भी उसका साथ छोड़ देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कर्क रेखा स्थल पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 90 डिग्री लंबवत पड़ने के कारण खड़े व्यक्ति की परछाई ही नहीं बनती। इसलिए कर्क रेखा क्षेत्र को नो शैडो जोन भी कहा जाता है। जिस कर्क रेखा को हमने बचपन से भूगोल में पढ़ा है और ग्लोब पर जिसे देखा है उस स्थान पर ठहरना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। कर्क रेखा मध्यप्रदेश में भोपाल से 25 किलोमीटर दूर उत्तर से निकलती है। जहां से यह गुजरती है वह स्थान भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे-18 पर रायसेन जिले के सलामतपुर बेरखेड़ी चौराहा के पास स्थित है। कर्क रेखा को चिन्हांकित करने के लिये उस स्थल पर राजस्थानी पत्थरों से चबूतरानुमा स्मारक बनाया गया है। यह स्थान रायसेन जिले का सबसे आर्कषक सेल्फी पाइंट है। यहां से निकलने वाला प्रत्येक व्यक्ति सेल्फी लिए बिना आगे नहीं बढ़ता। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है जो पृथ्वी के मानचित्र पर प्रदर्षित की जाती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरीय अक्षांश रेखा हैं जिस पर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत होता है। 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है।
भारत के इन शहरों और राज्यों से गुजरती है कर्क रेखा--23.32 डिग्री उत्तरी अक्षांष कर्क रेखा मध्यप्रदेश के रायसेन, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल और जबलपुर जिलों से गुजरती है। जिन स्थानों से यह रेखा गुजरती है वहां ग्रीष्म ऋतु की अवधि शीत ऋतु से अधिक होती है। दक्षिण अफ्रीका के सहारा मरूस्थल का अधिकांश हिस्सा कर्क रेखा पर होने के कारण यहां का तापमान सबसे अधिक होता है। कर्क रेखा मध्यप्रदेश के अलावा गुजरात राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड पष्चिम बंगाल मिजोरम राज्यों से निकलती है।
इन देशों से होकर गुजरती है कर्क रेखा--संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई-केवल सागर कोई भी द्वीप इस रेखा पर नहीं है)मैक्सिको में मजातलान (प्रशांत महासागर के उत्तर में ) बहामास पश्चिमी सहारा (मोरोक्को द्वारा दावा किया गया) मौरीटानिया माली अल्जीरिया नाइजर लीबिया चाड मिस्र सऊदी अरब संयुक्त अरब इमारात ओमान भारत बांग्लादेश म्यांमार चीन (मात्र गुआंगजोऊ के उत्तर से) तथा ताइवान से होकर निकलती है।
इनका कहना है।
में रविवार को अपने परिवार के साथ भोपाल से कर्क रेखा स्थल पर सेल्फी लेने आया था। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगा। शासन प्रशासन को यहां पर पर्यटकों के लिए और व्यवस्थाएं करनी चाहिए।
विशाल शर्मा, कोलार भोपाल।
में सीहोर से परिवार के साथ सांची घूमने के लिए आया था। रास्ते में कर्क रेखा स्थल पर परिवार के साथ सेल्फी लेने रुका। फ़ोटो खींचने के लिए हाइवे को क्रॉस करना पड़ता है। जिसमें दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। पर्यटन विभाग को यहां पर सुरक्षा के इंतज़ाम करना चाहिए।
समीर पिल्लई, पर्यटक सीहोर