-सरकार के नशा मुक्ति अभियान की धज्जियां उड़ा रहे हैं अधिकारी

वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

वैसे तो सरकार नशे के विरुद्ध अभियान छेडकर लोगों को नशे के विरुद्ध जागरूक कर रही हैं तथा शराब बेचने अनेकों कानून कायदे अपना रही हैं परन्तु दूसरी ओर शराब माफिया इतने निर्भिक हो चुके हैं कि सरकार के कानून कायदों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते दिखाई देते है इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बडे पैमाने पर शराब माफिया घर घर शराब परोसने मे पीछे नहीं दिखाई दे रहे हैं ।ऐसा भी नहीं है कि इस सब गौरखधंधे से पुलिस सहित सबंधित बेखबर हो ।

जानकारी के अनुसार वैसे तो इस स्थल को एक पावन बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है तथा इस पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता को बरकरार रखने शासन में बैठे लोग इस स्थल की चिता करते नही थकते ।परन्तु दूसरी ओर प्रशासन मे बैठे लोग सरकार की आय जुटाने जहाँ सरकारों के नियम कायदे ताक पर रख देते हैं तथा शराब जैसे पदार्थ की नीलामी कर कऱोडों रुपये की आय हासिल कर लेते हैं परंतु सरकार की ही नशे के विरुद्ध अभियान की धज्जियाँ उडा देते हैं जिससे शराब माफिया बेरोकटोक सुनिश्चित नियमों की तो धज्जियाँ उडा ही देते है बल्कि सरकार की मंशा पर भी पानी फेरने मे पीछे नहीं दिखाई देते ।ऐसा ही इन दिनों इस ऐतिहासिक पर्यटक स्थल पर शराब का गौरखधंधा खुले आम जारी है बताया जाता हैं कि आबकारी विभाग द्वारा सांंची मे पहले एक दुकान नीलाम की जाती थी  परन्तु कुछ सालों से इसी स्थल की पवित्रता ताक पर रखकर दो शराब दुकानों को अस्तित्व में ला खडा किया है जिसमे एक दुकान कमापार राष्ट्रीय राजमार्ग पर तथा दूसरी पुराने स्थल पर ही खोल दी गई  जबकि सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग से दूरी तो सुनिश्चित कर रखी है परन्तु इन सब नियमों को ताक पर टांगते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे क्षेत्र में ही खोल रखी हैं तब शाम ढलते ही इन दुकानों पर मेला लगने लगता है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों की संख्या में चलने वाले वाहनों से दुर्घटना भी घटित हो चुकी है इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम जैसी स्थिति निर्मित हो जाती हैं ।वहीं दूसरी ओर सरकार ने शराब दुकानों के आसपास अहाते पूर्ण रूप से बंद कर दिये थे परन्तु अहाते भी बरकरार रहते हुए खुले में शराब परोसने का खेल जारी है ।कहीं न कहीं शराब माफिया इतने प्रभावी होते है कि प्रशासन उनके सामने नतमस्तक हो जाता है अवैध शराब के खेल को अनदेखी करने मे पीछे नहीं दिखाई देता है ।यही हाल इन दिनों क्षेत्र में दिखाई दे रहा है शराब माफिया अपने वाहनों से प्रतिदिन गांव गांव घर घर शराब परोसने मे जुटे हुए हैं बताया जाता हैं कि स्तूप गेटों के निकट भी शराब बेचने वाले धडल्ले से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं जिससे कभी भी देशीविदेशी पर्यटकों के साथ किसी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है इसके साथ ही गुलगांव क्षेत्र धनिया खेडी उचेर चिरहोली मरमटा काछी कानाखेडा आमखेड़ा सहित गांव गांव घर घर शराब परोसी जा रही है हालांकि शराब माफिया पर लगाम कसने पहले भी महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया था। परन्तु प्रशासन को नियंत्रित करने की फुर्सत नहीं मिल सकी थी इससे न केवल घर उजड रहे है बल्कि घर बिगड़ भी रहे हैं महिलाओं को भी इस शराब से खासी परेशानी उठानी पड़ रही हैं शराब माफिया इतने बलशाली हैं कि गांव के लोग शराब के विरुद्ध बोलने से भी कतराते दिखाई देते है इस मामले में गांव गांव जाकर जब शराब के बारे मे जानना चाहा तो लोगो ने दबी जबान से अवैध शराब का बखान तो कर दिया परन्तु अपना नाम उजागर करने से बचते दिखाई दिये तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शराब माफिया का कितना आतंक क्षेत्र भर मे फैला हुआ है यही कारण है शराब दुकानों पर शराब लेनदेन पर लडाई झगड़े होते दिखाई दे जाते है इसके साथ ही मनमाने दामों पर शराब बेचना आम हो चुका है इतना ही नहीं दुकानों पर कहीं कोई शराब दर सूची भी नही लगाई जाती  इस पर भी अनेक बार विवाद होते दिखाई देते है ।बताया तो यहां तक जाता हैं कि प्रशासन मैं बैठे संबन्धितो की सेवा शुल्क भी अनापशनाप रहती हैं जिससे यह संबंधित शराब माफिया के विरुद्ध कार्यवाही से बचते दिखाई देते है जब जब प्रकरणों की पूर्ति करना होती हैं तब तब छोटे मोटे शराब के आदि लोगों को बलि का बकरा बना दिया जाता है तथा सम्बंधित अपनी पीठ स्वयं थपथपा लेते हैं जबकि जमीनी स्तर पर शराब माफिया खुलेआम अपना कारोबार करते रहते हैं । शराब माफिया प्रशासन पर भी भारी पडते दिखाई दे जाते है । इतना ही नहीं जब जब प्रशासन शराब दुकानों के बंद रहने के आदेश जारी करता है तब तब ऐसे मामले दिखाई दे जाते है कि दुकानों के पिछले दरवाजे खुल जाते हैं। परन्तु सम्बंधित बेबस रहते है। इस मामले में जब थाना सांची मे उपस्थित उपनिरीक्षक अन्नदी लाल सूर्यवंशी से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में थाना प्रभारी ही कुछ कह सकते है ।

"आप हमें वह पाइंट बताइए जहाँ शराब बेची जा रही है तथा जिस वाहन से ले जाई जा रही हैं उस वाहन का नंबर दीजिए हम कार्यवाही करेंगे।"

वंदना पांडे, जिला आबकारी अधिकारी रायसेन।

बहरहाल अवैध शराब का गौरखधंधे पर लगाम लगना मुश्किल दिखाई देता है। जब थाना सांची मे उपनिरीक्षक साफ कह देते है प्रभारी अधिकारी ही कुछ कह सकेंगे। इसके साथ जब आबकारी अधिकारी के संज्ञान में लाया जाता हैं तब अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि आप हमें बताइए किस किस पाइंट पर शराब बेची जा रही हैं जबकि उन्हें पूरे क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार की जानकारी दी जाती हैं इसके साथ ही अब आबकारी अधिकारी को जिस वाहन से शराब ढोई जा रही हैं। उनके नम्बर भी उन्हें देना होगे ।तब ही अधिकारी कार्यवाही करने आगे बढ़ सकेंगे ।जबकि गुलगांव के नाम से अधिकारी स्वयं पल्ला झाड़ते दिखाई देते है। जब अधिकारियों का यह हाल रहता है तब अवैध शराब माफिया मजे मारते रहेगें तथा लोगो के घर बर्बाद होते रहेंगे ।तब सरकार की मंशा पर भी नशामुक्ति अभियान को पलीता लगता रहेगा।

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र