सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

लड्डुओं का भोग लगाकर महिलाओं ने शरद पूर्णिमा पर्व मनाने के साथ व्रत धारण कर पूजन किया। और पतियों की लम्बी उम्र व संतानों की प्राप्ति के लिए कामना की। सांचेत में शरद पूर्णिमा पर्व भक्ति भाव से मनाया गया।इस अवसर पर सगोनिया शिव मन्दिर के पुजारी पंडित अरुण शास्त्री द्वारा विधिविधान से पूजा करवाया गया। पर्व के चलते महिलाओं ने व्रत धारण कर शुभ मुर्हुत पर घर में विधि- विधान से पूजा अर्चना कर पूजन अपने पतियों की लम्बी उम्र व संतानों की प्राप्ति के लिए कामना की साथ ही मावे से बने लड्डूओं का भगवान को भोग लगाकर उनका ही आहार किया।

शरद पूर्णिमा पर माता तुलसी की पूजा हुई|अश्विन शुक्ल पक्ष शरद पूर्णिमा का पर्व सांचेत में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालु महिलाओं ने भगवान सत्यनारायण, माता तुलसी की पूजा अर्चना करते हुए संतान सुख, पति के लिए मंगलकामना करते हुए व्रत रखा। घरों के तुलसियाने में श्रद्धालु महिलाओं ने डेढ़ पाव खोवा, डेढ़ पाव शक्कर के छह लड्डू बनाकर उनका भोग तुलसी माता को लगाया और भगवान सत्यनारायण की पूजा कर कथा का श्रवण किया। इसके बाद एक लड्डू तुलसी को अर्पण कर,एक लडडू सांचेत श्री राम जानकी मंदिर के बाके बिहारी को अर्पण किया। एक लड्डू बाल गोपालों को,एक लड्डू गर्भवती महिला, एक पति और अंतिम एक सखी को दिया। श्रद्धालु अलका, पूजा बताती हैं कि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से माता तुलसी, भगवान सत्यनारायण मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शरद पूर्णिमा के संबंध में कई मान्यताएं हैं जो जीवन में नया प्रकाश देती हैं। इनमें अश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की रात में चंद्रमा से अमृत वर्षा की बात पुराणों में कही गई है। इसलिए श्रद्धालुओं ने चावल की खीर बनाकर मकान के छत पर रखी।

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