ट्रालियों के पीछे रेडियम लगाकर रोक सकते हैं अनेक दुर्घटनाएं
-कलेक्टर, एसपी ने रायसेन में ट्रालियों में लगाया रेडियम, किसान भाईयों को भी दी ट्रालियों में रेडियम लगाने की समझाईश
वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
रायसेन स्थित दशहरा मैदान में आयोजित सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम में कलेक्टर अरविंद दुबे तथा पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे ने किसान भाईयों को ट्रेक्टर-ट्रालियों से दुर्घनाओं में कमी लाने हेतु ट्रालियों में रेडियम लगाने की समझाईश दी। कलेक्टर तथा एसपी द्वारा स्वयं भी दशहरा मैदान में धान विक्रय हेतु खड़ी ट्रालियों में रेडियम लगाया। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में किसान भाई ट्रेक्टर-ट्राली से अपनी उपज विक्रय हेतु कृषि उपज मण्डी ला रहे हैं जो कि समीपस्थ दशहरा मैदान में नीलामी हेतु खड़ी होती हैं। कलेक्टर ने किसान भाईयों से संवाद करते हुए कहा कि प्रायः ट्रालियों और वाहन की आपस में होने वाली दुर्घटनाओं में अधिकांश मामलों में रात में अंधेरे के समय ट्रालियों में पीछे से दोपहिया या चार पहिया वाहन टकराने संबंधी दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसी दुर्घटनाओं में कई वार वाहनचालक को गंभीर चोट लगती है या मृत्यु भी हो जाती है। ऐसी अधिकांश दुर्घटनाओं को हम छोटे से प्रयास से रोक सकते हैं और वह है ट्रालियों में पीछे की तरह रेडियम लगाकर। हमारा यह प्रयास अनेक दुर्घटनाओं को रोक सकता है। कलेक्टर ने किसान भाईयों से कहा कि यहां काउंटर बनाया गया है, जहां वेण्डर द्वारा बेहद कम कीमत पर रेडियम उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान भाई अपनी ट्रालियों में रेडियम जरूर लगाएं। इस पर कार्यक्रम में उपस्थित किसान भाईयों ने एक स्वर में अपनी ट्रालियों में रेडियम लगाने की बात कही। साथ ही अन्य किसान भाईयों को भी रेडियम लगाने हेतु प्रेरित करने की बात कही। कलेक्टर ने किसान भाईयों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की समझाइश देते हुए कहा कि गांव की सड़क से मुख्य मार्ग पर आते समय वाहन स्पीड धीमी रखनी चाहिए। इसके अलावा सभी को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाना चाहिए। इससे सिर में चोट नहीं लगती और गंभीर स्थिति भी नहीं बनती। पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे द्वारा भी किसान भाईयों को अपनी ट्रालियों में रेडियम लगाने और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया।
उन्होंने किसान भाईयों से कहा कि मोटरयान सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बचाने का कार्य करने वाले गुड समेरिटन (नेक व्यक्ति) को नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। दुर्घटना में घायल व्यक्ति को शीघ्र अस्पताल पहुंचाकर हम उसकी जान बचा सकते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कोई भी अशासकीय या शासकीय अस्पताल औपचारिकताओं के नाम पर या अन्य कारणों से इलाज की मनाही या इलाज में देरी नहीं कर सकती है। इसके अलावा घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति के लिए दुर्घटना मामले में गवाह बनना भी बाध्यकारी नहीं है।