मुश्काबाद रेलवे गेट पर बन रहा ओवरब्रिज, ठेकेदार ने नही बनाया डायवर्जन रोड,अब कीचड़ में फंस रहे हैं वाहन
-गर्भवती महिलाओं को लेने गांव तक नही पहुंच पा रही एम्बुलेंस
-ठेकेदार द्वारा डायवर्जन रोड नही बनाने के कारण बन रहे हैं ऐसे हालात
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सांची जनपद के मुश्काबाद रेलवे गेट पर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने पर ग्रामीणों ने राहत की उम्मीद जताई थी कि अब उन्हें बार-बार गेट बंद होने और घंटों इंतजार से छुटकारा मिलेगा। हालांकि, इस निर्माण कार्य ने फिलहाल 10 से 15 गांव के लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है।निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार द्वारा कोई डाइवर्जन रोड नहीं बनाया गया, जिससे क्षेत्र में आवागमन में बाधा आ रही है। निर्माण स्थल के पास मिट्टी डाल दी गई है, जिससे उक्त मार्ग पर कीचड़ फैल गया है और रोजाना वाहन फंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों और बीमार या गर्भवती महिलाओं को हो रही है, क्योंकि स्कूल वैन और एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही हैं। ग्रामीणों के वाहनों के फंसने के साथ-साथ मोटरसाइकिल चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार लोग कीचड़ में गिरकर चोटिल हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।ग्रामीणों ने ओवरब्रिज निर्माण में लगे ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं बनाया गया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। ग्रामीण प्रशासन और निर्माण कंपनी से डाइवर्ट रोड की तत्काल व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, ताकि आवागमन सुचारु रूप से हो सके।
मुश्काबाद एवं मुड़ियाखेड़ा रेलवे गेट पर बन रहा है ओवरब्रिज---सांची जनपद के गांव मुश्काबाद एवं मुड़ियाखेड़ा रेलवे गेट पर ओवर ब्रिज का काम शुरू हुए काफी समय हो गया है। निर्माण पूरा होने के बाद इन मार्गों पर पड़ने वाले दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन अभी तो ब्रिज कंप्लीट भी नही हुआ और लोगों की परेशानियां शुरू हो गईं। बता दें कि भोपाल बीना तीसरी रेलवे ट्रैक के बाद ट्रेनों की संख्या के साथ उनके फेरे भी बढ़ गए हैं। कई बार रेलवे क्रासिंग बंद करनी पड़ती है। कभी-कभी तो तीनों ट्रैक पर पर ट्रेन आने के कारण एक से डेढ़ घंटे तक गेट बंद रहता है। इससे लोगों को खासी परेशानी होती है। जब कोई बीमार गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिए रेलवे गेट खुलने का इंतजार करना भारी पड़ता है। रेलवे विभाग द्वारा लोगों को राहत देने की मंशा से भोपाल विदिशा के बीच मुश्काबाद और मुड़ियाखेड़ा रेलवे क्रासिंग गेट पर ओवरब्रिज बनाए जाने का काम शुरू किया गया है। ताकि दर्जनों गांव के लोगों को आवागमन की सुविधा आसानी से मिल सके। लेकिन निर्माण कर रहे ठेकेदार ने वहीं पर काली और लाल मिट्टी डाल दी। जिसकी वजह से प्रतिदिन छोटे और बड़े दोनों ही तरह के वाहन कीचड़ में फस रहे हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिक ट्रेन निकलने की वजह से कभी कभी 1 घंटे तक बंद रहता है रेलवे गेट--रेलवे ओवरब्रिज का काम शुरू होने से ग्रामीणों ने सोचा था कि अब उनकी राह आसान होगी लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की समस्याएं तो अब कम होने की बजाए अभी से बड़ गईं हैं। कई वर्षों से स्थानीय रहवासी रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग शासन प्रशासन से कर रहे थे। काफी समय बीत जाने के बाद रेलवे ओवरब्रिज का कार्य शुरू तो लोगों ने राहत की सांस ली थी। क्योंकि अभी आसपास गांवो के ग्रामीणों को फाटक बंद होने के बाद कभी कभी तो अधिक ट्रेनें निकलने के कारण 1 घंटे तक इंतेज़ार करना पड़ता है। जिससे आवश्यक कार्य से जा रहे ग्रामीणो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों राहुल, अंकित, भगवान सिंह और पूरन पटेल ने ओवरब्रिज का निर्माण शीघ्र पूरा करने के साथ ही डायवर्जन सड़क को बनाने की मांग रेलवे विभाग से की है।
इनका कहना है।
मुश्काबाद में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य ने फिलहाल 10 से 15 गांव के लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है।निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार द्वारा कोई डाइवर्जन रोड नहीं बनाया गया है। जिससे क्षेत्र में आवागमन में बाधा आ रही है। निर्माण स्थल के पास मिट्टी डाल दी गई है, जिससे उक्त मार्ग पर कीचड़ फैल गया है और रोजाना वाहन फंसने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
शफीक खान, स्थानीय ग्रामीण मुड़ियाखेड़ा।
सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों और बीमार या गर्भवती महिलाओं को हो रही है, क्योंकि स्कूल वैन और एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही हैं। ग्रामीणों के वाहनों के फंसने के साथ-साथ मोटरसाइकिल चालकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार लोग कीचड़ में गिरकर चोटिल हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
नसीम खान, स्थानीय ग्रामीण मुश्काबाद