-क्षेत्र में तेंदुए के आतंक के चलते लोगों में बना हुआ है दहशत का माहौल

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

सांची जनपद क्षेत्र में पश्चिम रेंज के वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को जंगल जाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाइश दी है कि जंगल में जाते समय कम से कम पाँच लोगों के समूह में जाएं। दीवानगंज के डिप्टी रेंजर सतीश श्रीवास्तव और डिप्टी रेंजर तारिक कमाल ने बताया कि जंगल में वन्यजीवों की सक्रियता बनी रहती है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है। ग्रामीणों को गांव-गांव जाकर माइक से अनाउंसमेंट कर के सलाह दी गई है कि जंगल जाते समय आपस में बातचीत करते रहें ताकि किसी प्रकार के जानवर पास न आ सकें। साथ ही, जलाऊ लकड़ी या अन्य काम के लिए केवल उजाला होने के बाद ही जंगल में प्रवेश करने की बात भी कही गई है।

क्षेत्र में तेंदुए के आतंक के चलते विभाग लोगों को कर रहा है सतर्क--कुछ दिन पूर्व ही थाना क्षेत्र के  एक गांव में तेंदुए ने बेल पर हमला कर दिया था। और एक मोहल्ले में रात्रि करीब 2 बजे तेंदुए ने घर के पास बंधी बकरियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में दो बकरियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सात अन्य बकरियां गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित बकरी पालक रंजीत गीर ने बताया कि तेंदुआ पास स्थित पहाड़ी क्षेत्र से मोहल्ले में आया और अचानक बकरियों पर झपट पड़ा। बकरियों की चीख-पुकार सुनकर उनकी बुआ की नींद खुली, जिन्होंने तत्काल परिजनों को जगाया। जब तक वे मौके पर पहुंचे, तेंदुआ भाग चुका था और दो बकरियों की जान जा चुकी थी, वहीं सात बकरियां गंभीर रूप से घायल थीं।ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब तेंदुए की आमद देखी गई हो। इसके पहले भी आस-पास के क्षेत्रों में जंगली जानवरों की मौजूदगी देखी गई है, लेकिन इस बार तेंदुए के हमले ने लोगों में डर और चिंता बढ़ा दी है।

तेंदुआ अब तक 26 मवेशियों पर कर चुका हैं हमला--पश्चिम वन क्षेत्र के ग्राम नरखेड़ा, कुल्हाड़िया और सत्ती गांव सहित आसपास क्षेत्र में तेंदुए के बढ़ते आतंक से ग्रामीण परेशान और भयभीत हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारी गांव -गांव जाकर माइक से अलाउंसमेन्ट करके ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहे हैं।

पिछले एक साल में तेंदुआ अब तक 26 मवेशियों पर हमला कर चुका है। कुछ दिन पूर्व भी एक ग्रामीण के घर के पीछे बंधे गाय के बछड़े पर तेंदुए ने हमला किया था। यह घटना रात करीब 2 बजे की थी। तेंदुए के हमले से बछड़ा गंभीर रूप से घायल हो गया था और जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए उसकी मौत हो गई थी। बताया कि एक साल पहले भी उनके एक अन्य बछड़े को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। यह दूसरी बार था जब उनके मवेशी पर तेंदुआ ने हमला किया। गांव के लोग तेंदुए के डर से रातों में बाहर निकलने से डरते हैं। एक साल से तेंदुए के हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं ।ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और मवेशियों को बचाया जा सके।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ यम