कैमखेड़ी गांव में बूंद बूंद पानी के लिए परेशान ग्रामीण, नल जल योजना अधूरी

-गांव का एकमात्र हैंडपंप भी 1 साल से खराब
-महिलाएं सुबह से पीने के पानी के लियें करती हैं जद्दोजहद
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
सांची विकासखंड की सेमरा पंचायत का केमखेड़ी गांव भीषण गर्मी के मौसम में जल संकट से जूझ रहा है। गांव में नल जल योजना के तहत पिछले छह माह से पाइपलाइन बिछाने और टंकी निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि गांव का इकलौता हैंडपंप भी बीते एक वर्ष से खराब है, जिसकी मरम्मत के लिए कई बार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी पीएचई विभाग को अवगत कराया गया, परन्तु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं।
निजी ट्यूबवेल से 300 रुपए महीना देकर ले रहे हैं पानी--गांव में कुछ निजी ट्यूबवेल संचालक 300 रुपये प्रति माह की दर से पानी उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे केवल आर्थिक रूप से सक्षम परिवार ही पानी खरीद पा रहे हैं। वहीं, गरीब परिवारों को दो से तीन किलोमीटर दूर खेतों से पानी लाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता के चलते आज भी गांव की बड़ी आबादी बुनियादी सुविधा जैसे पीने के पानी से वंचित है। नल जल योजना, जिसके तहत हर घर में नल से जल पहुंचाने का वादा किया गया था, केम खेड़ी में सिर्फ़ कागज़ों तक ही सीमित नजर आ रही है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द अधूरे कार्य को पूर्ण कर पानी संकट का समाधान किया जाए, ताकि गर्मी के इस कठिन समय में उन्हें राहत मिल सके।
गांव में बनी हुई जल संकट की स्तिथि---प्रदेश सरकार की हर घर नल से जल देने की योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति बनी हुई है।गांव-गांव नल जल योजना के तहत पानी टंकी बनाकर पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाने की योजना का लाभ ग्रामीणों को समुचित तरीके से नहीं मिल रहा है। सांची जनपद के केमखेड़ी गांव में इस योजना के तहत पूरे गांव की सड़कों को खोदकर वहां नई पाइप लाइन बिछाना थी। साथ ही लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नल कनेक्शन देने थे। ताकि नल कनेक्शन मिलते तो पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। और सुबह वा शाम दोनों समय उन्हें पानी की सुविधा मिलेगी। वहीं गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है वह भी साल भर से बंद पड़ा है। ऐसे में ग्रामीण पानी के लिए दर-दर भटकते हुए नजर आ रहे हैं। वही ग्रामीणों का कहना है कि अगर समस्या जल्द ही सही नहीं की गई तो आगे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
पूर्व सीएम के संकल्प पर अफसर फैर रहे पानी---पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा था कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के साथ-साथ लोगों के कल्याण के लिए, उनके विकास के लिए भी प्रमुखता से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम बड़े जोर शोर से किया जा रहा है कि महिलाओं को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। उन्हें घर पर ही नल से पानी उपलब्ध होगा, कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन सांची जनपद के सेमरा पंचायत के केमखेड़ी गांव में ऐसा नहीं हो रहा है । पीएचई विभाग के ज़िम्मेदार अधिकारी सरकार की जल जीवन मिशन योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। और लाखों रुपए बर्बाद करके निर्माण कार्यों को अधूरा छोड़कर शो पीस बनाया जा रहा है। जिसकी वजह से गांव की महिलाओं को परेशान होकर घंटों इंतेज़ार के बाद पीने का पानी मिल पा रहा है।
इनका कहना है।
गांव में नल जल योजना के तहत पिछले छह माह से पाइपलाइन बिछाने और टंकी निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है। सुबह से हमें पूरे काम छोड़कर पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। जिससे बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
नन्नी बाई, स्थानीय रहवासी केमखेड़ी
जानकारी होने के बाद भी पीएचई विभाग गांव में पानी की व्यवस्था नही कर रहा है। हमें 300 रुपये महीना देकर पानी लेना पड़ रहा है। उसके लिए भी 2 से 3 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। जिससे समय की भी बर्बादी होती है।
लक्ष्मीबाई, स्थानीय रहवासी केमखेड़ी