दिल्ली में जमकर गरजा बुलडोजर
बाहरी दिल्ली। Bulldozer Action बाहरी दिल्ली में भारी संख्या में पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों की मौजूदगी के बीच अशोक विहार फेज-2 के जेलरवाला बाग क्षेत्र में डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) की जमीन पर लगभग 30 साल पहले बसी बस्ती से झुग्गियां हटाने काम सोमवार से शुरू हो गया।
बताया गया कि साढ़े सात घंटे चले इस अभियान के दौरान लगभग एक हजार झुग्गियां तोड़ी गईं। कार्रवाई के बाद लोग मलबे से अपना सामान समेटते हुए नजर आए। इस क्षेत्र में बसी 1650 झुग्गियों में रहने वाले 1078 लोगों को पुनर्वास योजना के तहत स्वाभिमान अपार्टमेंट में पहले ही फ्लैट आवंटित किए जा चुके हैं।
इस कार्रवाई के दायरे में उन 250 झुग्गियों को नहीं लिया गया, जिनके ध्वस्तीकरण पर कोर्ट का स्थगन आदेश है। इस बीच, इस कार्रवाई के विरोध में आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी झुग्गी वालों से मिलने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही रोककर हिरासत में ले लिया।
सोमवार सुबह 10 बजे से पहले ही जेलरवाला बाग झुग्गी बस्ती क्षेत्र छावनी में तब्दील नजर आया। वाटर केनन, अग्निशमन व एंबुलेंस के साथ दिल्ली पुलिस, अर्ध सैनिक बल, द्रूत कार्य बल के जवानों ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी के बाद डीडीए ने झुग्गियां हटाने का काम शुरू किया।
वहीं, इससे पहले क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। दर्जनभर अर्थ मूवर्स मशीन और बुलडोजर शाम साढ़े पांच बजे तक लगातार चलते रहे। बताया जाता है कि पूरे दिन में लगभग एक हजार झुग्गियां तोड़ी गईं। दिनभर महिला-पुरुष और बच्चे मलबे से अपना सामान बटोरते रहे। लोग अपने घरों के लोहे दरवाजे, खिड़कियां, गार्डर, टीनशेड के अलावा घरेलू सामान उठाकर दूसरी जगह ले गए।
डीडीए ने करीब ढाई सौ झुग्गियों पर कार्रवाई नहीं की। इन झुग्गियों के मालिकों ने कोर्ट से ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्थगन आदेश ले रखा है। ऐसी झुग्गियों को डीडीए ने पहले ही चिन्हित कर लिया था। इस क्षेत्र में करीब 1650 झुग्गियां बनी हैं, इनमें से 1078 लोगों को पुनर्वास योजना (जहां झुग्गी, वहां मकान) के तहत केंद्र सरकार ने पिछले साल स्वाभिमान अपार्टमेंट में फ्लैट आवंटित किए गए थे। यहां रह रहे 567 निवासी अपात्र पाए गए।
डीडीए का कहना है कि निर्धारित दस्तावेज व मापदंड पूरा नहीं करने के कारण इन लोगों को अपात्र पाया गया। कार्रवाई के बाद कई लोगों ने शिकायत की कि वे लोग 15-20 वर्षों से यहां रह रहे हैं, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं मिला, जबकि कई लोग ऐसे हैं, जो उनके बाद बस्ती में आए थे और उन्हें फ्लैट मिल गया। कोर्ट के स्थगन आदेश की वजह से जिनकी झुग्गियां टूटने से बच गईं, उनमें रहने वाले लोग बिजली-पानी की आपूर्ति ठप होने से चिंतित-परेशान दिखाई दिए। इन लोगों ने अधिकारियों से तुरंत बिजली और पानी की व्यवस्था कराने की मांग की।
जेलरवाला बाग जेजे कलस्टर के 1078 पात्र परिवारों को पहले ही स्वाभिमान अपार्टमेंट में निर्मित आधुनिक एक बीएचके फ्लैटों में पुनर्वासित किया जा चुका है। यह परियोजना डीडीए की 34594.74 वर्ग मीटर भूमि पर स्थित है, जिसकी कुल निर्माण लागत भूमि लागत को छोड़कर 421 करोड़ रुपये है। पात्र लोग इन फ्लैटों में रह रहे हैं। इनमें सभी आधुनिक नागरिक सुविधाएं हैं।
बताया गया कि 31 वर्ग मीटर के कारपेट एरिया वाले प्रत्येक फ्लैट में 1 लिविंग रूम, 1 बेडरूम, 1 बाथरूम, एक शौचालय, किचन और बालकनी है। प्रत्येक फ्लैट की निर्माण लागत 25 लाख रुपये है। ये फ्लैट 1.41 लाख रुपये में लाभार्थियों को दिए गए हैं। उच्च न्यायालय ने लगभग 250 अयोग्य झुग्गी निवासियों को ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्थगन प्रदान किया है। - प्रवक्ता, डीडीए