सांचेत रायसेन से सतीश मैथिल। IND28.COM 

कस्बा सांचेत सहित क्षेत्र के मौसम में एकाएक बदलाव आ गया है। शनिवार और रविवार को दिनभर बादल छाए रहे। शीतलहर चलने से लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए। रविवार के दिन लोगों को और भी ज्यादा सर्द हवाओं का अहसास होने लगा है।

इन दिनों अल सुबह से ही ठंड का खासा अहसास होता है, गुनगुनी धूप लोगों को राहत देती है। दिन चढ़ते-चढ़ते दोपहर को जरूर कुछ ठंडक कम होती है। शाम को फिर से माहौल में ठंडक घुलने लगती है। लेकिन रविवार को माहौल कुछ अलग रहा। दरअसल, सुबह से लेकर दोपहर तक सूर्य देव ने दर्शन ही नहीं दिए। लेकिन शाम चार बजे से तो सर्द हवाओं का जोर बढ़ गया। शीतलहर चलने से लोग ठिठुरने को मजबूर हो गए।

कंपकंपाने को मजबूर हुए लोग

रविवार के दिन मौसम में बदलाव रहा। दिनभर शीतलहर चलती रही। जिससे लोग कंपकंपाने लगे। लोगों ने अलाव जलाकर ठंड से बचने के जतन किए। सूर्य नारायण के भी सुबह से दर्शन नहीं हुए। लगभग 12 बजे के आसपास बादलों की ओट में लुका-छुपी करते हुए सूर्यनारायण नजर आए। जिसके बाद दिनभर बादल छाए रहे। मानो ऐसा लग रहा था जैसे कि दिन में सूर्य नारायण की जगह चांद निकल आया हो। शीतलहर चलने से सूर्य नारायण की किरणें पृथ्वी तक नहीं आ रही थीं। जिससे लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ा। लोग दिनभर गर्म कपड़े में दुबके नजर आए।

जगह-जगह लगे अलाव

शाम को जगह-जगह लोग अलाव जलाकर हाथ तापते हुए आए नजर--

माहौल में ठंडक होने से गर्म खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ गई है, दूध, जलेबी के स्टॉल पर भी शाम को लोगों को मजमा दिखाई दे जाता है। गर्म कपड़ों की खरीदारी भी जोरों पर है। बाजार में स्थायी दुकानों के साथ ही अस्थायी दुकानों पर भी गर्म कपड़ों की बिक्री हो रही है।रविवार को तो दिन में भी लोग गर्म कपड़ों में लिपटे हुए नजर आए।

न्यूज़ सोर्स : सतीश मैथिल सांचेत रायसेन।