वाराणसी। काशी विश्वनाथ में महाप्रसादम् की व्यवस्था बदल दी गई। अब गुजरात की कंपनी अमूल महाप्रसादम् तैयार करेगी। मंदिर प्रशासन के अचानक लिए गए फैसले के बाद 5 साल से प्रसाद तैयार करने वाले कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास (प्रबंधन) ने यहां महा प्रसाद यानी लड्डू-पेड़ा तैयार करने की जिम्मेदारी 2 संस्थाओं को दी है। इसमें पहली और प्रमुख संस्था महालक्ष्मी ट्रेडर्स है। दूसरी संस्था बेला पापड़ स्वयं सहायता समूह है।
दोनों मिलकर हर दिन करीब 1 हजार किलो महा प्रसाद तैयार करते हैं। भास्कर टीम मंदिर से करीब 1.5 किमी दूर महालक्ष्मी ट्रेडर्स के मालिक अशोक कुमार सेठ के घर पहुंची। इन्होंने घर को ही कारखाना बनाया हुआ है। यहां एक शिफ्ट में 16-20 महिला-पुरुष महा प्रसाद तैयार करते रहे हैं।
व्यवस्था बदलाव के बाद महालक्ष्मी ट्रेडर्स के अशोक सेठ से मिला। उन्होंने कहा - 5 साल से हम प्रसाद तैयार कर रहे थे। अब कारीगर बेरोजगार हो गए। मंदिर न्यास ने अंदर काउंटर पर लगाए गए सैकड़ों प्रसाद के डिब्बे वापस कर दिए। न्यास ने नई पैकिंग पर रोक लगा दी। काशी विश्वनाथ की फोटो लगवाकर महाप्रसाद के लिए छपवाए 5 लाख डिब्बे रद्दी हो गए। प्रसाद के लिए मंगाई गई 10 लाख रुपए की सामग्री भी अब किसी काम की नहीं।