स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने ली शपथ, बोले रोग को भारत देश से करेंगे खत्म
सांची रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट। IND28.COM
सोमवार को सांची स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ डॉ रवि राठौर के नेतृत्व में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया। इस दौरान सांची सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पूरा स्टॉफ मोजूद रहा। वहीं सलामतपुर स्वास्थ्य केंद्र में भी स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अंतर्गत शपथ ली गई। स्वास्थ्य विभाग के सांची ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ रवि ने बताया कि स्पर्श अभियान 30 जनवरी 2023 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग सांची के समस्त अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा संकल्प एवं अपील का वाचन किया गया।जिसका मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोगियों को शीघ्र निदान एवं नियमित उपचार एवं संभावित मरीजों का पहचान कर निशुल्क उपचार दिया जा सके। और कुष्ठ रोग को भारत से मुक्त करने हेतु सभी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संकल्प लिया गया। इस अवसर पर कार्यालय के समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
30 जनवरी से 13 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में दी जाएगी जानकारी--स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के साथ ही रायसेन जिले में चलाए जा रहे स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत भी 30 जनवरी से 13 फरवरी तक सभी ग्राम पंचायतों में नागरिकों के मध्य अपील एवं संकल्प का वाचन कर कुष्ठ की सामान्य जानकारी दी जाएगी। जिले में आशा तथा एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर गृह भेंट कर कुष्ठ की जानकारी दी जाएगी। गृह भेंट के दौरान संभावित कुष्ठ रोगियों को सूचीबद्ध करके लाईन लिस्टिंग खण्ड चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से जिला स्तर तक पहुंचाई जाएगी।कुष्ठ मायक्रोबेक्टीरिया लेप्रे/जीवाणु से होने वाली बीमारी है। यह अनुवांशिक रोग नहीं है तथा छुआछूत का रोग भी नहीं है। इस रोग की शुरूआत में पहचान/जांच करवा ली जाए तो यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है एवं शारीरिक विकलांगता से बचाया जा सकता है। कुष्ठ की जांच एवं इलाज सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध हैं। अगर किसी व्यक्ति में शरीर के रंग से हल्के फीके दाग-धब्बे, हाथ-पैरों में झुनझुनाहट, चेहरे में तैलिया, तामिया चमक, शरीर में गठान है तो ऐसे व्यक्ति कुष्ठ से संभावित हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य कर्मचारी, कुष्ठ कार्यकर्ता, आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से सम्पर्क करें जिससे कि उपचार प्रारंभ हो सके। नागरिक कुष्ठ पीड़ितों से भेदभाव ना करें एवं अन्य किसी नागरिक द्वारा भी भेदभाव ना होने दें एवं अपने गॉव, पंचायत, जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने में सहयोग करें।