यहां हाथ में नहीं फेंक कर दिया जाता है प्रसाद इस धार्मिक स्थल की अनोखी परंपरा, होली के तीसरे दिन राई नृत्य के साथ होती है पूजा
दीवानगंज के पास नीनोद गांव में प्राचीन ठाकुर बाबा स्थान पर पूजा में शामिल हुए सैकड़ों भक्त
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान। प्रधान संपादक IND28.COM
वैसे तो भारत में त्योहारों को मनाने की अलग-अलग परंपराएं हैं अलग-अलग क्षेत्र में लोग प्राचीन परंपराओं के तहत त्यौहार मनाते चले आ रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं जहां पर होली के तीसरे दिन एक अनोखी परंपरा है। रायसेन जिले के सांची विकासखंड अंतर्गत आने वाला गांव दीवानगंज नीनोद की यहां पर एक सैकड़ों साल पुराना प्राचीन ठाकुर बाबा का स्थान है। हर साल होली के तीसरे दिन यहां पर राई नृत्य के साथ ठाकुर बाबा की पूजा होती है। यहां पर ऐसी मान्यता है कि अगर जिस साल यहां पर राई नृत्य नहीं किया जाता उस साल गांव में कोई ना कोई आपदा हो जाती है। वहीं यहां पर एक और होली के तीसरे दिन अनोखी परंपरा है कि ठाकुर बाबा के यहां पूजा के बाद चढ़ाया हुए प्रसाद को लोगों को हाथों में नहीं बल्कि फेंक कर दिया जाता है। ग्रामीण प्रसाद को झेल कर प्राप्त करते है। शुक्रवार को होली के तीसरे दिन भी हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ठाकुर बाबा के स्थान पर पूजा अर्चना की गई। और राई नृत्य का आयोजन हुआ। सरपंच हरिओम मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल राई नृत्य करने वाली 14 नृत्यका आई है। वहीं इस साल विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया है। और यह कार्यक्रम देर रात्रि तक चलेगा। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए। मौके पर सलामतपुर थाना क्षेत्र की दीवानगंज चौकी पुलिस के जवान भी सुरक्षा की दृष्टि से तैनात रहे। जिसमें दीवानगंज चौकी प्रभारी बीरबल सिंह, आरक्षक राजू चौहान, आरक्षक धर्मेंद्र सिंह मौजूद थे।