भोपाल विदिशा हाईवे के घोड़ापछाड़ नदी पुल की रेलिंग जगह-जगह से टूटी, राहगीरों की जान से किया जा रहा है खिलवाड़
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट। IND28.COM
-इस टूटी हुई रेलिंग के जर्जर पुल से प्रतिदिन निकलते हैं हज़ारों वाहन
-यात्रियों व आम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं ज़िम्मेदार अफसर
रायसेन जिले के सलामतपुर कस्बे के पास घोड़ापछाड़ नदी पुल की टूटी हुई रेलिंग की मरम्मत नही करके हज़ारों लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। यह पुल भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे 18 के मुख्यमार्ग पर स्थित है। जो कई साल पुराना बताया जाता है। इस पुल की रेलिंग जगह-जगह से टूट गई है। और रेलिंग का हिस्सा भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिम्मेदारों द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि रोजाना इस पुल पर से हजारों वाहन गुजरते हैं। इसी रास्ते से होकर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सहित कई वीआईपी होकर गुजरते हैं। लगभग सौ वर्षों से भी अधिक पुराने पुल की रेलिंग जगह जगह से टूट चुकी है।और बड़ी मात्रा में रेलिंग क्षतिग्रस्त भी हो चुकी है। जब इस पुल पर से कोई भारी वाहन गुजरता है तो पुल पूरा कांपने लगता है। इस पुल पर से होकर भोपाल से विदिशा, सागर, बीना, उत्तर प्रदेश और विदिशा से भोपाल को जाने वाली यात्री बसें सैकड़ों की तादाद में प्रतिदिन गुजरती हैं। कभी भी कोई बड़ी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। एमपीआरडीसी द्वारा इसकी मरम्मत नही करके यहां से गुजरने वाले राहगीरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने शासन प्रशासन से मांग करी है कि शीघ्र ही इस पुल की मरम्मत की जाए नही तो लोग आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
इस ब्रिज से रोज ही कोई न कोई वीआईपी गुजरता है---सप्ताह में एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी इसी घोड़ापछाड़ पुल से निकलते हुए विदिशा जाते हैं। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा यहीं से आना जाना करते रहते हैं। और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र में आता है यह घोड़ापछाड़ पुल उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस और कोई भी ध्यान नही दिया जा रहा है।
कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना---यह घोड़ापछाड़ नदी पर बना पुल भोपाल-विदिशा रोड पर दिल्ली मुम्बई जाने वाले स्टेट हाइवे 18 पर बना हुआ है। जिस पर से हर चार मिनिट में सैकड़ों वाहन निकलते हैं। किसी दिन कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर नीचे नदी में गिर सकता है।जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। जानकारी होते हुए भी एमपीआरडीसी विभाग के अधिकारी गेर ज़िम्मेदार रवैया अपनाए हुए हैं।
धसक रहा है घोड़ापछाड़ नदी का पुल-- सलामतपुर के कैलाश गोस्वामी, मयंक साहू, हसन मंसूरी, दीपक अहिरवार ने बताया की घोड़ापछाड़ पुल की सड़क के बीच में बार बार बड़े बड़े गड्ढे व लंबी लंबी दरारें आ जाती हैं। जिसमें वाहन का टायर फंस जाता है। उनकी मोटरसाईकिल भी कई बार दरारों में फंस चुकी है। विभाग द्वारा इन गड्डों पर डामर की लीपापोती करके इन्हें छुपा दिया जाता है। लेकिन ये दरारें कुछ दिन में ही फिर से उभर जाती हैं। वहीं ग्राम गाडरखेड़ी के जसवंत राजपूत सलामतपुर के अशोक त्रिपाठी आदि का कहना है कि पुल के काफी पुराना हो गया है। इसकी रेलिंग कई जगह से टूटी हुई पड़ी है। वहीं ज़िम्मेदार विभाग इसको सही नही करके लापरवाही बरत रहा है। समय रहते ध्यान नही दिया गया तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
इनका कहना है।
भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 के मुक्तापुर गांव के पास स्तिथ घोडापछाड़ पुल की रेलिंग तो छतिग्रस्त हो ही गई है। इसके अलावा पुल भी काफी जर्जर हो चुका है। ज़िम्मेदार अफसर इस और ध्यान नही देकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि इसी पुल से गुज़रकर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी विदिशा जाते रहते हैं।रघुवीर मीणा, सरपंच ग्रा.पं. रातातलाई।
सलामतपुर के पास घोड़ापछाड़ पुल का निर्माण लगभग 100 वर्षों पहले हुआ होगा। लेकिन पुल बनने के कुछ समय बाद ही इसमें दरारें आ गईं थी। यह पुल भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर बना है। इस मार्ग पर यातायात का बहुत अधिक दवाब रहता है। पुल की रेलिंग जगह जगह से टूटी हुई है। वहीं पुल के बीचों बीच दोनों और बड़े बड़े गड्ढे बार-बार हो जाते हैं। इन गड्डो में बाइक का टायर घुस जाता है। जिसकी वजह से चालक गिरकर घायल हो रहे हैं। और टूटी हुई रेलिंग के कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।बबलू पठान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलामतपुर।
में सलामतपुर से प्रतिदिन भोपाल अपडाउन करता हूँ। जब भोपाल विदिशा हाइवे के खोड़ापछाड पुल से निकलता हूं तो यहां से निकलने में जान का खतरा लगता है। क्योंकि पुल की रेलिंग काफी समय से टूटी हुई पड़ी है। कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। लेकिन शिकायतों के बाद भी अफसर कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं। ऐसा लगता है कि शायद उन्हें कोई बड़ा हादसा होने का इंतजार है।
साजिद खान, सलामतपुर।