हादसों की घाटी बालमपुर, पिछले 1 साल में हो चुकी हैं 70 घटनाएं
-रोज़ लग रहा है हाइवे 18 पर जाम, लोगों ने की हाइवे को 4 लाइन करने की मांग
अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)
भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे 18 स्थित बालमपुर घाटी पर आए दिन हादसे रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक ही स्थान पर कई वाहन दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। कुछ दिन पूर्व ही एक बार फिर बालमपुर घाटी पर बड़ी दुर्घटना देखने को मिली है। विदिशा से गेहूं भर कर महाराष्ट्र जा रहे एमएच 18 बीए 3288 ट्रक बालमपुर घाटी चढ़ते वक्त अनियंत्रित होकर पीछे हटते हुए खाई में जाकर पलट गया। जिसमें ड्राइवर और क्लीनर गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें एंबुलेंस की मदद से भोपाल रेफर किया गया है। भोपाल में घायलों का इलाज चल रहा है। बता दें कि इस एक ही स्थान पर कई हादसे अब तक हो चुके हैं। इसके बावजूद भी एमपीआरडीसी द्वारा सबक नहीं लिया जा रहा है। जिससे आए दिन वाहन दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं।
सिर्फ बालमपुर घाटी पर पिछले 12 महीने में हो चुकी हैं 70 घटनाएं---भोपाल विदिशा हाइवे की बालमपुर घाटी पर भी सप्ताह में एक दो हादसे हो रहे हैं जिसमें कई वाहन चालक अपनी जान गवां चुके हैं। और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। फिर भी बालमपुर घाटी पर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा दुर्घटनाएं रोकने के लिए कोई उपाय नही किये जा रहे हैं। जिसकी वजह से आए दिन बालमपुर घाटी पर सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालक अपनी जान गंवा रहे हैं। कुछ माह पहले हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह नई रैलिंग लगाई है। ताकि सड़क हादसे रोके जा सकें। जिससे की रात के वक्त वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले ही मिल सके। लेकिन यह रेलिंग भी 1 महीने के अंदर ही कई जगह से छतिग्रस्त होकर नीचे गिर गई है।यह रैलिंग आए दिन दुर्घटनाओं के कारण बार-बार टूट रही है। जिसकी वजह से वाहन आए दिन हादसों का शिकार होकर खाई में गिर रहे हैं। रैलिंग से पहले हादसों को रोकने के लिए सीमेंट की बोरिया भरकर भी रखी गई थीं। और इनमें रेडियम पट्टी भी चिपकाई गई थी। ताकि रात के समय दूर से ही वाहन चालकों को संकेत मिल सके और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके। लेकिन यह उपाय भी काम ना दे सका।
भोपाल विदिशा हाइवे से प्रतिदिन गुजरते हैं 10 हज़ार वाहन---भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 से दिन भर में लगभग 10 हज़ार छोटे बड़े वाहन निकलते हैं। जो यूपी, दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, भोपाल, विदिशा व मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में जाते हैं। यहां से बड़े बड़े ट्राले और ट्रक क्षमता से अधिक माल लेकर बालमपुर की घाटी से निकलते हैं। वहीं कुछ बड़े भारी वाहन भी यहां से गुजरते हैं। जो त्रिमूर्ति चौराहे से लेकर सलामतपुर, रेलवे ओवरब्रिज, बेरखेड़ी चौराहा, दीवानगंज, सूखी सेवनिया से होते हुए घाटी तक जाते हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का शिकार हो जाते हैं। क्योंकि सड़क काफी छोटी है। और दोनों और सुरक्षा के लिहाज से रेलिंग तो लगाई गई है। लेकिन वह भी फिर से जगह जगह से टूटने लगी है।
पहले भी ट्राला रिवर्स होकर गिरा था खाई में----भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन रोड दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुछ समय पूर्व अशोक लीलैंड ट्राला जीजे 12 जेड 1725 सलामतपुर रेलवे रेक पॉइंट से लोहे की टीन के रोल लेकर जमुनिया वेलस्पन कंपनी जा रहा था। रास्ते में बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया।वो तो गनीमत रही थी कि ट्राले के ड्राइवर और क्लीनर को कोई चोट नही आई। दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली। अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। अभी कुछ समय पहले ही बालमपुर घाटी पर सुबह लगभग 5 बजे कटनी से चावल भरकर इंदौर जा रहे आयशर मिनी ट्रक क्रमांक एच आर38 आर 7261 ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया था। मिनी ट्रक में ड्राइवर सहित सवार तीन लोग सवार थे। जिन्होंने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इसलिए तीनों को मामूली सी चोटें आई थी। वहीं एक हार्वेस्टर भी घाटी पर चढ़ते समय पलट गया था।पलटने से उसके दो टुकड़े हो गए थे। हालांकि पूरी घाटी रोड पर सुरक्षा की दृष्टी से रेडियम भी लगाए गए हैं। ताकि रात के समय वाहन चालकों को दुर्घटना से बचाया जा सके। लेकिन उसके बाद भी बालमपुर घाटी पर हादसे रुकने का नाम नही ले रहे हैं।
स्थानीय रहवासियों ने की स्टेट हाइवे को 4 लाईन करने की मांग---भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर सड़क हादसे रुकने का नाम ही नही ले रहे हैं। इन रोज़ होने वाले हादसों की वजह से ही अब इस सड़क को खूनी सड़क भी कहा जाने लगा है। वहीं सलामतपुर, दीवानगंज व बालमपुर, बेरखेड़ी चौराहा क्षेत्र के लोगों ने इस स्टेट हाइवे को 4 लाइन करने की मांग शासन प्रशासन से की है। गौरतलब है कि भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर एक वर्ष में लगभग सौ सड़क हादसे हो चुके हैं। जिसमें पच्चीस से ऊपर लोगों की मौत भी हो चुकी है। सलामतपुर व सूखी सेवनिया पुलिस भी रोज़ हो रही इन दुर्घटनाओं की वजह से काफी परेशान है। क्योंकि थाने में पुलिस बल काफी कम है। और सड़क हादसों में पुलिस बल भेजने के बाद थाने में पुलिस बल कम पड़ जाता है। जिससे थाने आए फरियादियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से स्टेट हाइवे 18 को फ़ोर लाइन करने की मांग की है।
इनका कहना है।
स्टेट हाइवे 18 पर यातायात का अत्यधिक दवाब रहता है। घाटी पर अंधा मोड़ होने की वजह से भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी संकेतक बोर्ड नही लगाए हैं। इसीलिए यहां पर आए दिन हादसे बढ़ रहे हैं। इस हाइवे को शीघ्र ही 4 लाईन किया जाए। लोग तो अब इस सड़क को खूनी सड़क भी कहने लगे हैं।
रघुवीर सिंह मीणा, सरपंच रातातलाई।
बालमपुर घाटी भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर स्तिथ है। इस मार्ग पर छोटे बड़े हज़ारों वाहन प्रतिदिन निकलते हैं। कई जगब सड़क के दोनों और बड़े बड़े गड्ढे होने के साथ ही साइडों की मिट्टी बह गई है। इनमें बाइक का टायर घुस जाता है। जिसकी वजह से चालक गिरकर घायल हो रहे हैं। वहीं घाटी पर अधिक चढ़ाई की वजह से भी हादसे होते रहते हैं। इसके कारण भी यहां पर ट्रक पलट रहे हैं। इस और ध्यान देना चाहिए
अशोक त्रिपाठी, समाजसेवी रातातलाई सलामतपुर।
में प्रतिदिन सलामतपुर से भोपाल मोटरसाइकिल से अपडाउन करता हूं।अब तो हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर सफर करने में डर लगने लगा है। घाटी पर वाहन कभी भी रिवर्स होकर पीछे आ जाते हैं। जिसकी वजह से प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे हैं। ज़िम्मेदार एमपीआरडीसी विभाग को हाइवे 18 को 4 लाईन करना चाहिए। अब तो घाटी से होकर भोपाल जाने में जान का खतरा लगा रहता है कि कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए।
साजिद खान, स्थानीय निवासी सलामतपुर।