सईद नादां सिलवानी रायसेन। (IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र)

उपवन मण्डल सिलवानी की उदासीनता के चलते वन माफिया के हौसले बुलंद हैं। वन माफिया हरे-भरे जंगलों की धडल्ले से कटाई कर रहे हैं। आलम यह है कि हरे- भरे जंगल धीरे-धीरे ठूंठ में तब्दील होते जा रहे हैं। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सिलवानी क्षेत्र कभी सघन जंगलों से घिरा हुआ करता था और इसमें सागौन के वृक्ष लहलहाते हुए इठलाया भी करते थे। सरकार द्वारा वृक्षों की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जंगलों का तेजी से सफाया जारी है। सिलवानी रेंज में सागौन माफियाओं द्वारा धडल्ले से हरे-भरे वृक्ष काटे जा रहे हैं। रक्षक भी भक्षक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में प्रतिदिन जंगल के सकरे रास्तों से अवैध सागौन लकडियां अन्य क्षेत्रों में जा रही हैं। जिस और कोई ध्यान नहीं होने से जंगल साफ हो रहे हैं।माफियाओं पर वन विभाग द्वारा सख्ती से कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वह बेखौफ वनों की कटाई की जा रही है। आखिर इन वन माफियाओं को किसका संरक्षण प्राप्त है यह समझ से परे हैं। कार्रवाई का अभाव भविष्य के दुष्परिणामों से अनभिज्ञ लोगों द्वारा चंद पैसों के लालच में हरे- भरे वृक्षों का कत्ले आम किया जा रहा है, जंगलों में पेड़ों के खड़े ठूंठ इंसानी बर्बरता की कहानी खुद बोल रहे हैं। कटी लकड़ी समय-समय पर जब्त करने वाले विभाग के पास आरोपी हमेशा ही अज्ञात रहते है।

क्षेत्र में जारी है सगौन की कटाई---वन माफिया तहसील के हरे भरे जंगलों का सफाया करने में जुटे हुए है। बात जंगलों की कटाई पर ही समाप्त नहीं होती है। बड़े पैमाने पर ईट भट्टे भी लगे हुए है।

 

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