मां हिंगलाज दुर्गा मठ पर गुरुवार को मां हिंगलाज जयंती मनाई

सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)
कस्बा सांचेत में मां हिंगलाज जयंती गुरुवार को मनाई गई। संतो की नगरी सांचेत में प्राचीन बावड़ी के पास स्थित है मां हिंगलाज का प्रसिद्ध मंदिर है। ज्योतिष अचार्य पंडित अरुण शास्त्री ने बताया प्रत्येक वर्ष चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मां हिंगलाज जयंती मनायी जाती है। इस साल हिंगलाज जयंती 27 मार्च को मनायी गई। मां हिंगलाज का यह मंदिर मां के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यह मंदिर हिंगलाज के क्षेत्र के सुरम्य पहाड़ों की तलहटी में स्थित है मान्यता है कि, हिंगलाज क्षेत्र में माता सती का सिर गिरा था कस्बा सांचेत में मां हिंगलाज भवानी का मंदिर रीठा मौहल्ला पर ऊंचाई पर स्थित है। माता का यह रुप गुफा में एक विग्रह के रुप में स्थापित है।इस मंदिर में प्रवेश करते ही हिन्दू-मुस्लिम का भेद समाप्त हो जाता है। यहां सभी लोग प्रेम से मां की पूजा करते हैं हिंगलाज भवानी के दरबार में जो भी लोग हाजिरी लगाकर मस्तक नवाते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं मान्यता है कि हर रात इस स्थान पर सभी शक्तियां एकत्रित होकर रास रचाती हैं और दिन निकलते हिंगलाज माता के भीतर समा जाती हैं।लोगों का कहना है कि हिन्दू चाहे चारों धाम की यात्रा क्यों ना कर ले, काशी में गंगास्नान क्यों ना कर ले, अयोध्या के मंदिर में पूजा-पाठ क्यों ना कर लें, परन्तु अगर वह हिंगलाज देवी के दर्शन नहीं करता तो यह सब व्यर्थ हो जाता है।