सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। IND28.COM 

कस्बा सांचेत मै सोमवार को संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली। भव्य कलश यात्रा सोमवार को संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ संगीतमय सप्ताह का शुभारंभ सांचत में हुआ। सुबह 12 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्राचीन बावड़ी स्थल पर एकत्रित हुए। श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा निकाली गई। बैंड बाजे के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे, युवती व महिलाओं ने हिस्सा लिया। दोपहर के समय कलश के साथ महिला पुरुषों ने बाजे-गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा में सबसे आगे भागवत जी को सर पर उठाये कथा आयोजनकर्ता पं, अरुण शास्त्री और समाज के बंधु और ग्रामवासी चल रहे थे। कलश यात्रा में पीले वस्त्र धारण की हुईं महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए मंगलगीत गाते हुए चल रहीं थीं। कलश यात्रा सांचत ग्राम के विभिन्ना मार्गो से निकाली गई। इस मौके पर शोभा यात्रा पर खुले आकाश से पुष्प वर्षा की गई। कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो गया। राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति के रस में डूब गया। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पुरोहितों द्वारा कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। आचार्य ने विधि विधान पूर्वक पूजन संपन्ना कराया कथावाचक पंडित नीलेश कृष्ण शास्त्री अहमदपुर बालों के व्यास पीठ पर आसन होने के बाद माल्यार्पण कर शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया । मुख्य अतिथि के रूप में महंत बाबा कन्हैया दास जी महाराज षटदर्शन साधू समाज के अध्यक्ष मरघटिया महावीर मंदिर भोपाल कुरुक्षेत्र से ठाकुर दास महाराज महंत अनिलानंद महाराज सर्वेश सास्त्री प्रेमनारायण शर्मा आदि उपस्थित हुए। व्यास पीठ पंडित नीलेश कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बिनु परतीती होईं नहीं प्रीति अर्थात माहात्म्य ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थाई हो जाता है। धुंधकारी चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मसात कर लें तो जीवन से सारी उलझने समाप्त हो जाएगी। द्रौपदी, कुन्ती महाभागवत नारी है। कुन्ती स्तुति को विस्तारपूर्वक समझाते हुए परीक्षित जन्म एंव शुकदेव आगमन की कथा सुनाई। कथा दोपहर एक बजे से शाम 5 बजे तक नियमित होगी। कथा के विश्राम के बाद 12 फरवरी को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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