सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28.COM हर खबर पर पैनी नज़र) 

15 मई को पूरे देश में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। इसी के उपलक्ष्य में हम आपको आज ऐसे परिवार से रूबरू करा रहे हैं जिसकी पांच पीढ़ियां आज भी एक साथ एक ही छत के नीचे मिल जुल कर रह रही हैं। यह भदौरिया परिवार जिले के 5000 आबादी वाले कस्बा सांचेत सहित आसपास के जिलों में एक अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। पूरा गांव इस परिवार की चर्चा करता है। लोगों को इस परिवार से कुछ शिक्षा लेनी चाहिए। और तो और कोरोना संक्रमण काल में भी इन परिवारों का भोजन एक साथ बनता रहा  है। कोरोना भी इन परिवारों को अलग-अलग नहीं कर सका। एक साथ रहने, भोजन बनाने के बाद भी यहां किसी भी सदस्य को कोरोना संक्रमण छू नहीं सका। सभी सदस्य संक्रमण से बचाव के लिए कोविड गाइड लाइन का पालन जरूर करते थे।सांचेत के भदौरिया परिवार में हैं 25 सदस्य है। स्व. पन्नाालाल भदौरिया का संयुक्त परिवार एक साथ रह रहा है। तीसरी पीढ़ी के मुखिया स्व.भगवान सिंह भदौरिया का निधन वर्ष 2023 में हुआ है लेकिन इन्होंने अपनी भूमिका बाखूबी निभाई है अपने परिवार को कभी भी नही बिखरने दिया सभी को उच्च शिक्षा दी अपने बच्चों को अपने काम से मुकाम से लगाया। आज इनका पूरा परिवार इनकी कमी को महसूस कर रहा है व इनकी धर्म पत्नी सरस्वती बाई ने बताया कि पांच पीढ़ियों से उनका परिवार संयुक्त रूप से रह रहा है। दूसरी पीढ़ी के सदस्य अमरसिंह पूर्व जनपद सदस्य रहे हैं। ओर इन्होंने एक प्राइवेट स्कूल भी चलाया है। इनके द्वारा पढ़ाए हुए छात्र छात्राओं मै आज कुछ छात्र छात्राएं सरकारी शिक्षक और सरकारी नोकरी में भाई है। इनके छोटे भाई भारत सिंह भदोरिया कृषि करते हैं। तथा सबसे छोटे जसवंत भदोरिया बिजली कंपनी में लाइनमैन हैं। जो की दिन देखते है ना रात। ना गर्मी ना सर्दी ना बरसात और कस्बा सांचेत में बिजली के लिए घर जैसे काम करते हैं। तीसरी पीढ़ी के शिवम इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। अन्य सदस्य कृषि तथा अन्य कार्य करते हैं। पूरे परिवार का भोजन एक साथ बनता है। एक समय में पांच किलो आटा व दो किलो सब्जी खर्च होती है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी सदस्य पूरी तरह से गाइड लाइन का पालन करते आ रहे हैं। अमरसिंह ने बताया कि जब भी कोई घर से बाहर जाता है तो मास्क लगाते हैं, सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं। वापस आने पर स्नान करते हैं। शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जाता है। अभी तक किसी भी सदस्य को कोरोना संक्रमण छू भी नहीं सका है।इस परिवार के सभी भाइयों में बड़े अमर सिंह भदौरिया ने वताया की जिंदगी जीने में जो अच्छे आनंद की अनुभूति होती है जो परिवार एक सांथ रहता है उस से पूछो वही समझ सकता है।साथ सभी परिवार बालों को अमर सिंह भदौरिया यह सन्देश IND28.COM वेबसाइट के माध्यम से देना चाहते है अगर जो भी परिवार संयुक्त नहीं है और अगर रहना भी नहीं चाहते है तो इस वात का जरूर ध्यान दें बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ गौ माता की रक्षा करो गौ माता की सेवा करो पर्यावरण की रक्षा करो और वृक्ष लगाओ और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दो।मंजले भाई भारत सिंह भदौरिया का कहना है हमें जो मिलकर रहने में जो आनंद आता है बो आनंद और कही नहीं। सबके लाडले जसवंत सिंह भदौरिया का कहना है हमें हमारे पिताजी ने बो सब दिया आज हम सब भाई पड़े लिखें उन्होंने हमारी पढ़ाई में जी जान से हमारी मदद की और आज हम अपने अपने पैरो पर खड़े है। लेकिन आज हमे हमारे पिता जी की कमी महसूस होती है आज हमें बह इस बात की शिक्षा दे कर गए हैं हमारा परिवार एक संयुक्त परिवार है और हम इस परंपरा को कभी नहीं तोड़ेंगे ओर यह परिबार एक शिक्षित परिवार है और नई पीढ़ी में सबसे ज्यादा पढ़ाई पर विषेश जोर दिया जाता है।

 

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