पिता ने सालों पहले प्लॉट बेचे फिर पुत्र ने तार फेंसिंग कर रास्ता किया बंद, खरीदार परेशान
-पीड़ितों ने रास्ता खुलवाने की नायब तहसीलदार सांची से लगाई गुहार
अदनान खान सांची रायसेन। प्रधान संपादक IND28.COM
सालों पहले लगभग दस लोगों ने चतर कलोनी में अपनी खून पसीने की कमाई से प्लॉट खरीदे की आने वाले समय में यहां मकान बनाकर रहेंगे। लेकिन डेढ़ महीने पहले इन प्लाटों पर जाने वाले रास्ते पर पत्थर के चीरे खड़े कर तार फेंसिंग कर दी गई है। अब खरीदार अपने प्लॉट तक नही पहुंच पा रहे हैं। इसी मामले की शिकायत सांची नायब तहसीलदार से भी की गई। पर अब तक कोई भी सुनवाई नही हुई है। सलामतपुर निवासी फरियादी वाजिद खान ने जानकारी देते हुए बताया कि हम दस लोगों जिनमें मनोज अहिरवार, इनामुल्लाह खान, पारुल शाहनी, बिनीता अहिरवार, रिज़वान खान, जमील कुरेशी, अनिल पासवान और शिवम बैस ने खसरा नम्बर 51/1 चतर कलोनी सांची में वर्षों पूर्व प्लाट क्रय किए थे। जिन पर हम लोग समय समय पर साफ सफाई करने चले जाते हैं। विगत डेढ़ महीने पहले जब हम लोग साफ सफाई करने पहुंचे तो वहां पर मोकम सिंह पुत्र स्व.चतर सिंह चौहान द्वारा प्लाटों पर जाने वाले रास्ते में चीरे खड़े कर तार फेन्सिंग कर दी गई है। जिसकी वजह से हम सभी लोग परेशान हो रहे हैं और अंदर नही जा पा रहे हैं। हमे शंका है कि हमारे प्लाटों पर वह राजनैतिक प्रभाव के चलते कब्जा करना चाहता है। वहीं इस मामले की शिकायत पारुल शाहनी पुत्री मनोज शाहनी निवासी वार्ड नम्बर 5 गुलगांव रोड ने सांची थाने में भी की है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि 12 वर्ष पहले मध्यप्रदेश वित्तनिगम भोपाल से नीलामी द्वारा एक भूखण्ड नम्बर 106 साइज़ 35×40 का चतर कलोनी सांची में लिया था। भूखण्ड के चारों और बाउंड्री के रूप में पत्थर के चीरे गड़े थे जिन्हें चुरा लिया गया है। कार्रवाई की जाए। और इन्ही प्लॉट धारियों ने नायब तहसीलदार सांची को भी उक्त प्रकरण में आवश्यक कार्रवाई हेतु आवेदन सौंपा गया है। लेकिन अभी तक कोई भी सुनवाई नही हुई है। पीड़ितों ने कहा है कि अगर शीघ्र ही हमारा रास्ता नही खोला गया तो हम सभी लोग आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इनका कहना है।
इस मामले की शिकायत मिली है। हमने नोटिस जारी किए हैं। ज़्यादा जानकारी में कार्यालय पहुंचकर ही दे पाऊंगा अभी में छुट्टी पर हूँ।
दिलीप कुमार द्विवेदी,नायब तहसीलदार सांची।