जानलेवा चाइनीज मांझा: दिल्ली में फिर ली एक जान, स्कूटी सवार का गला कटा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर जानलेवा चीनी मांझे ने इंसानी जिंदगी को निगल लिया. शुक्रवार की शाम उत्तर दिल्ली के रानी झांसी फ्लाईओवर पर एक स्कूटी सवार युवक का गला धारदार मांझे से कट गयी, जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई.फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है , लेकिन इस मामले में बात करनेके लिए कोई अधिकारी सामने नही आया है .
फ्लाईओवर के ऊपर स्कूटी सवार हुआ चीनी मांझे का शिकार : नॉर्थ दिल्ली के रानी झांसी फ्लाईओवर के ऊपर स्कूटी सवार की चाइनीज मांझे से गले गला कटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और क्राइम टीम मामले की जांच में जुट गई है . यह घटना शुक्रवार शाम करीब 6:05 बजे पर हुई. बता दें कि जिस तरह से लगातार 15 अगस्त को देखते हुए लोग चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं तो हमेशा ही कहीं ना कहीं यह बेहद खतरनाक साबित होता है. इस पर सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए.
22 साल के युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया : शुक्रवार को फिर से एक स्कूटी सवार की चाइनीज मांझे से गला कटने से मौत हो गई .मृतक की पहचान करावल नगर निवासी यश गोस्वामी के रूप में हुई हा. जिसकी उम्रलगभग 22 साल है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि चाइनीज मांझे पर प्रतीबंध के बावजूद आगर देश की राजधानी दिल्ली में हर साल इस तरह के हादसे होते है जो जिम्म्वार कौन है , क्यों बेगुनाहो की जान जा रही है.
पुलिस ने गोदाम का किया भंडाफोड़: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने उत्तम नगर के जीवन पार्क में एक गोदाम का भंडाफोड़ किया है, जहां अवैध चीनी मांझा (पतंग उड़ाने का धागा) जमा किया जा रहा था, अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी, पुलिस ने इस गोदाम से बड़ी मात्रा में अवैध चीनी मांझा जब्त किया है और गोदाम के मालिक राजू को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक अन्य मामले में, दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट इलाके से अवैध चीनी मांझा सप्लाई करने वाले अरीब खान को पकड़ा है.
इन दोनों मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.
चाइनीज मांझे पर सख्ती से हो एक्शन : सबसे पहले सवाल पुलिस प्रशासन पर उठता है. हर साल यह देखा जाता है कि चाइनीज मांझे की वजह से कोई ना कोई हादसा होता है जिसमें लोगों की जिंदगी तक चली जाती है लेकिन ना तो प्रशासन की तरफ से कोई सख्ती की जाती है और ना ही लोग इस तरह के हादसों से कोई सबक लेते हैं क्योंकि जिम्मेदारी तो उन लोगों की भी है जो पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं और उन लोगों की भी जो चंद पैसों के मुनाफे के लिए चाइनीज मांझा बेचकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
दरअसल, 15 अगस्त और रक्षाबंधन के त्योहार पर लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं. इच्छा रहती है कि उनकी पतंग ना कटे. इसके चलते लोग आसमान में ऊंची पतंग उड़ाने के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं, जिस पर दिल्ली में पूरी तरह से प्रतिबंध है. चाइनीज मांझा पर प्रतिबंध के बाद अब पतंगबाज शीशे या केमिकल से युक्त देसी मांझे का इस्तेमाल करने लगे हैं, यह भी चीनी मांझा की तरह ही खतरनाक होता है. इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए पुलिस टीम इलाकों में छापेमारी कर रही हैं.
क्या है चाइनीज मांझा, क्यों है खतरनाक: चाइनीज मांझा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ग्लास-लेपित सिंथेटिक धागा है. चाइनीज मांझा नायलॉन, शीशा समेत कई केमिकल से बनाया जाता है. यह टूटता नहीं और जितना कसता जाता है उतना ही धारधार होता जाता है. जब कोई पतंग कटती है या गिरती है तो दोपहिया सवार, राहगीर या पशु-पक्षी इसकी चपेट में आ जाते हैं. अब तक इसके चपेट में आने से कई लोग घायल हुए हैं या फिर उनकी मौत हो गयी है.
चाइनीज मांझे से 2019 से 2023 तक 9 मौतें: चाइनीज मांझे की चपेट में आने से अगस्त 2019 से जुलाई 2023 के बीच राजधानी में 9 मौतें हुई थीं. दिल्ली में चीनी मांझे पर 2017 में प्रतिबंध लगाया गया था. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपने अलग-अलग आदेशों में कहा था कि पतंगबाज केवल सूत से बने मांझे को ही इस्तेमाल करें. दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को चाइनीज मांझे की बिक्री रोकने के निर्देश दिए हैं.