वसीम कुरैशी सांची रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

जनपद पंचायत सांची और उसके अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद सैकड़ों कुएं और बावड़ियां आज भी बिना सुरक्षा उपायों के खुले पड़े हैं। ये खुले कुएं न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करते हैं, बल्कि जनजीवन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।

हर कदम पर हादसे की आशंका--सांची सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कई कुएं ऐसे स्थानों पर स्थित हैं जहां से लोग रोज़ाना गुजरते हैं—कुछ तो सीधे सड़क किनारे बने हुए हैं। इन खुले कुओं पर न तो सुरक्षा जाल लगाया गया है, न ही चेतावनी संकेतक लगाए गए हैं। ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और राहगीरों के लिए ये कुएं किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकते हैं।

ग्रामों में वर्षों पुराने कुएं बन चुके हैं खतरा--ग्राम उचेर, गुलगांव, मढ़ा और मड़वई जैसे गांवों में दशकों पुराने कुएं आज बदहाली की स्थिति में हैं। पहले ये जलस्रोत के रूप में उपयोग होते थे, लेकिन अब ये दुर्घटनाओं के अड्डे बनते जा रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी इन कुओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

प्रशासन के जवाब से नहीं झलकती गंभीरता

नगर परिषद सांची के मुख्य नगरपालिका अधिकारी रामलाल कुशवाहा का कहना है कि हम वार्डों में कर्मचारियों को भेजकर खुले कुओं की स्थिति की जांच कराएंगे और आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

वहीं जनपद पंचायत सांची की सीईओ बंदू सूर्यवंशी ने भी यही आश्वासन दोहराया कि जांच के बाद खुले कुएं पाए जाने पर उन्हें ढकवाया जाएगा।

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब शासन के आदेश पहले ही आ चुके हैं, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? आमजन की सुरक्षा से बड़ा कोई कार्य नहीं।हर वर्ष देशभर में खुले कुएं और गड्ढों में गिरकर सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की उदासीनता चिंता का विषय है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह लापरवाही किसी बड़े जनहानि का कारण बन सकती है।शासन के निर्देशों को गंभीरता से न लेने वाली यह स्थिति दर्शाती है कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है। आम नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी परिवार को लापरवाही की कीमत जान देकर न चुकानी पड़े।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28