सतीश मैथिल सांचेत रायसेन। (IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

क़स्बा सांचेत में दीपावली पर घर घर मिट्टी के दीपक जलेंगे।दीपावली पर मिट्टी के दीये घरों को रोशन करेंगे। दीपावली पर्व पर मिट्टी के दीयों से घर को रोशन करने की परंपरा सदियों पुरानी है। इसका अपना महत्व भी है। ऐसे में दीपावली के नजदीक आते ही कुम्हार दीये बनाने के काम में तेजी से जुट गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी दिवाली भी रोशन रहेगी। मिट्टी के दीपक, मटकी आदि बनाने के लिए माता-पिता के साथ उनके बच्चे भी हाथ बंटा रहे हैं। कोई मिट्टी गूंथने में लगा है तो किसी के हाथ चाक पर मिट्टी को आकार दे रहे हैं।

सोशल मीडिया हो सकती है कुम्हारों के लिए वरदान----कुछ समय में आधुनिकता के इस दौर में दीयों का स्थान बिजली के झालरों ने ले लिया है। ऐसे में कुम्हारों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया। चीन निर्मित झालरों ने इन कुम्हारों को और चोट पहुंचाई। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से स्वदेशी निर्मित उत्पादों के प्रयोग को लेकर सोशल मीडिया पर कई स्वयंसेवी संगठन खड़े हुए हैं। इसके परिणाम स्वरूप स्वदेशी निर्मित उत्पादों की बिक्री में खासी बढ़ोतरी हुई थी। कुम्हार दीपावली में भी ऐसे ही स्वदेशी दीयों को ग्राहक मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। इस बार मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ने लगी है। कारीगरों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है। इसी उम्मीद में कुम्हारों के चाक फिर से चल पड़े हैं।

ऊन में दिए बना रहे कुम्हार छोटे लाल प्रजापति ने बताया कि उम्मीद है कि इस बार मिट्टी के दीये ज्यादा बिकेंगे। इससे उनकी दीपावली भी पहले से बेहतर रहेगी। तकनीक के युग में कुम्हारों के चाक भी इलेक्ट्रॉनिक आ गए गए हैं। ऊन में कई कुम्हार इलेक्ट्रानिक चाक से मिट्टी को दीयों को स्वरूप दे रहे हैं।

डिजाइनर दिए बढ़ा रहे रौनक---मिट्टी के दीयों से अपने घर-आंगन को सजाने की तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है। बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद करने लगे हैं। इसी कारण कुम्हार दीये की अलग-अलग वैरायटी बनाने लगे हैं। इनकी डिमांड हर बार रहती है। मिट्टी के झालर, मिट्टी के लालटेन, लटकते दीये आदि कई तरह के दीये बाजार में आ रहे हैं।

कुम्हार विशाल प्रजापति ने बताया कि अब तो लागत ही निकल जाए, वही बहुत है अब पहले जैसे त्योहार नहीं रहे। कुम्हार छोटे प्रजापति ने बताया कि शुरुआत में दीयों की कीमत कम होती है। मगर जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आता है और डिमांड बढ़ती जाती है, दीयों के रेट भी बढ़ते जाते हैं। दीपावली तक 100 रुपये सैकड़ा तक दीये बिक जाते हैं। डिजायनर दीये थोड़े महंगे होते हैं।

 

न्यूज़ सोर्स : IND28 हर खबर पर पैनी नज़र