-साँची विश्वविद्यालय की विद्या परिषद में निर्णय

-भारतीय दर्शन विभाग का नाम बदलकर दर्शन विभाग किया

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। (एडिटर इन चीफ IND28 हर खबर पर पैनी नज़र)

साँची बौद्ध भारतीय-ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की विद्या परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। कुलगुरु प्रो वैद्यनाथ लाभ की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परिसर में हुई बैठक में दीक्षांत समारोह आयोजित करने पर चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया। दीक्षांत समारोह की वेशभूषा एवं अन्य विषयों पर चर्चा उपरांत जनवरी-फरवरी में कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति बनी। विद्या परिषद की बैठक में सभी विषयों का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप करने पर सहमति बनी। इस हेतु सभी विषयों के बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक बुलाकर पाठ्यक्रम में आवश्यक बदलाव किया जाएगा। साँची विश्वविद्यालय की विद्या परिषद ने बौद्ध धर्म के विद्वान और श्रीलंका महाबोधि सोसायटी के पूजनीय बेनेगल उपतिस्स नायक थैरो को मानद उपाधि देने का भी प्रस्ताव पारित किया। उक्त प्रस्ताव पूजनीय थैरो के साँची एवं बौद्ध धर्म में योगदान पर आधारित है। विद्या परिषद ने भारतीय प्राचीन सुरक्षा एवं स्वयं सुरक्षा तकनीकों को लोकप्रिय करने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम लागू करने का भी फैसला किया। इस हेतु डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम लागू होंगे। समिति ने विद्या वाचस्पति  (PhD) की उपाधि में प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नियम अंगीकार करने का भी निर्णय लिया। विद्या परिषद में भारतीय दर्शन विभाग का नाम बदलकर दर्शन विभाग करने का फैसला हुआ। अकादमिक समरूपता की दृष्टि से नाम बदला गया। इसके पूर्व वैकल्पिक शिक्षा विभाग का नाम भी बदलकर शिक्षा विभाग किया जा चुका है। विद्या परिषद ने इस वर्ष के अकादमिक कैलेंडर को भी सहमति प्रदान की। समिति में बाह्य विशेषज्ञ डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के दर्शन विभाग से प्रो अंबिकादत्त शर्मा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्रो पुष्पलता सिंह एवं पालि विभाग कोलकाता विश्वविद्यालय की डॉ शाश्वती मुत्सुद्दि शामिल हुई। विद्या परिषद के सदस्य सचिव और कुलसचिव प्रो नवीन कुमार मेहता ने कार्यवाही का संचालन किया।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28