-4 दिन से खराब ट्रक खड़ा है घाटी पर जिसकी वजह से हो रहे हैं हादसे

-रोज़ लग रहा है हाइवे पर जाम, सूखी सेवनिया पुलिस नही दे रही ध्यान

अदनान खान सलामतपुर रायसेन। एडिटर इन चीफ IND28.COM

रविवार को भोपाल विदिशा स्टेट हाईवे  18 के बालमपुर घाटी उतरते वक्त लोहे के पाइप से भरा ट्राला अनियंत्रित होकर पलट गया। यह तो गनीमत रही कि ट्राला पलटते वक्त कोई दूसरा वाहन इसकी चपेट में नहीं आया। नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं ड्राइवर क्लीनर ने कूदकर अपनी जान बचाई। लोगों का कहना है कि 4 दिन से एक ट्रक खराब हालत में बीज घाटी पर खड़ा हुआ है। जिससे क्रॉसिंग करते वक्त यह हादसा हुआ है। बता दें कि 4 दिन से एक ट्रक बीच घाटी पर खराब खड़ा हुआ है। जिससे आए दिन जाम की स्थिति बन रही है। और 2 से 3 किलोमीटर का जाम रोजाना ही लग रहा है। और एक बड़ा हादसा होने का भी संभावना जताई जा रही है। मगर सूखी सेवनिया थाने के जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे वाहन चालकों को घाटी चढ़ते वक्त और उतरते वक्त काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

स्टेट हाइवे 18 पर सड़क हादसे नही ले रहे रुकने का नाम----भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर सड़क हादसे रुकने का नाम ही नही ले रहे हैं। इन रोज़ होने वाले हादसों की वजह से ही अब इस सड़क को खूनी सड़क भी कहा जाने लगा है। वहीं सलामतपुर, दीवानगंज व बालमपुर, बेरखेड़ी चौराहा क्षेत्र के लोगों ने इस स्टेट हाइवे को 4 लाइन करने की मांग शासन प्रशासन से की है। गौरतलब है कि भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर एक वर्ष में लगभग सौ सड़क हादसे हो चुके हैं। जिसमें पच्चीस से ऊपर लोगों की मौत भी हो चुकी है। सलामतपुर व सूखी सेवनिया पुलिस भी रोज़ हो रही इन दुर्घटनाओं की वजह से काफी परेशान है। क्योंकि थाने में पुलिस बल काफी कम है। और सड़क हादसों में पुलिस बल भेजने के बाद थाने में पुलिस बल कम पड़ जाता है। जिससे थाने आए फरियादियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से स्टेट हाइवे 18 को फ़ोर लाइन करने की मांग की है।

सिर्फ बालमपुर घाटी पर पिछले 12 महीने में हो चुकी हैं 50 घटनाएं----भोपाल विदिशा हाइवे की बालमपुर घाटी पर भी सप्ताह में एक दो हादसे हो रहे हैं जिसमें कई वाहन चालक अपनी जान गवां चुके हैं। और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। फिर भी बालमपुर घाटी पर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा दुर्घटनाएं रोकने के लिए कोई उपाय नही किये जा रहे हैं। जिसकी वजह से आए दिन बालमपुर घाटी पर सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालक अपनी जान गंवा रहे हैं। कुछ माह पहले हो रहे हादसों को रोकने के लिए एमपीआरडीसी ने टूटी हुई रेलिंग की जगह सीमेंट की बोरियां भरकर उसमें रेडियम लगवा दिए थे। ताकि सड़क हादसे रोके जा सकें। जिससे की रात के वक्त वाहन चालकों को घाटी पर अंधे मोड़ की सूचना पहले मिल सके। लेकिन यह बोरियां भी 1 महीने के अंदर ही छतिग्रस्त होकर नीचे गिर गई। क्योंकि कुछ समय पूर्व बालमपुर की घाटी पर लोहे की रेलिंग भी लगाई गई थी। जो आए दिन दुर्घटनाओं के कारण बार-बार टूट रही थी। जिसकी वजह से वाहन आए दिन हादसों का शिकार होकर खाई में गिर रहे थे। हादसों को रोकने के लिए हीं टूटी हुई रेलिंग की जगह पर सीमेंट की बोरिया भर कर रखी गई थीं। और ईनमें रेडियम पट्टी भी चिपकाई गई थी। ताकि रात के समय दूर से ही वाहन चालकों को संकेत मिल सके और रास्ता स्पष्ट दिखाई दे सके। लेकिन यह उपाय भी काम ना दे सका।

पहले भी ट्राला रिवर्स होकर गिरा था खाई में----भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर आए दिन रोड दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुछ समय पूर्व अशोक लीलैंड ट्राला जीजे 12 जेड 1725 सलामतपुर रेलवे रेक पॉइंट से लोहे की टीन के रोल लेकर जमुनिया वेलस्पन कंपनी जा रहा था। रास्ते में बालमपुर की घाटी पर चढ़ते समय ट्राले के ब्रेक फेल हो गए और ट्राला रिवर्स होकर नीचे खाई में उतर गया।वो तो गनीमत रही थी कि ट्राले के ड्राइवर और क्लीनर को कोई चोट नही आई। दोनों ने ट्राले से कूदकर अपनी जान बचा ली। अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। भोपाल विदिशा स्टेट हाइवे 18 की बालमपुर घाटी पर अधिक चढ़ाई होने की वजह से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। अभी कुछ समय पहले ही बालमपुर घाटी पर सुबह लगभग 5 बजे कटनी से चावल भरकर इंदौर जा रहे आयशर मिनी ट्रक क्रमांक एच आर38 आर 7261 ब्रेक फेल होने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गया था। मिनी ट्रक में ड्राइवर सहित सवार तीन लोग सवार थे। जिन्होंने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचाई थी। इसलिए तीनों को मामूली सी चोटें आई थी। वहीं एक हार्वेस्टर भी घाटी पर चढ़ते समय पलट गया था।पलटने से उसके दो टुकड़े हो गए थे। हालांकि पूरी घाटी रोड पर सुरक्षा की दृष्टी से रेडियम भी लगाए गए हैं। ताकि रात के समय वाहन चालकों को दुर्घटना से बचाया जा सके। लेकिन उसके बाद भी बालमपुर घाटी पर हादसे रुकने का नाम नही ले रहे हैं।

इनका कहना है।

स्टेट हाइवे 18 पर यातायात का अत्यधिक दवाब रहता है। घाटी पर अंधा मोड़ होने की वजह से भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी संकेतक बोर्ड नही लगाए हैं। इसीलिए यहां पर आए दिन हादसे बढ़ रहे हैं। इस हाइवे को शीघ्र ही 4 लाईन किया जाए। लोग तो अब इस सड़क को खूनी सड़क भी कहने लगे हैं।

रघुवीर सिंह मीणा, सरपंच रातातलाई।

न्यूज़ सोर्स : अदनान खान एडिटर इन चीफ IND28.COM